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Assam Flood: कुदरत के कहर के बीच IAF के जांबाज बने मसीहा, असम और मेघालय के लिए कई टन राहत सामग्री की एयरलिफ्ट

IAF के अनुसार वे 21 जून से असम और मेघालय में बाढ़ राहत अभियान चला रहे हैं। IAF ने असम और मेघालय में अपने बाढ़ राहत कार्यो को जारी रखने के लिए C-130 An-32 Mi 17V5 Mi 171V Mi17s और ALH का व्यापक रूप से उपयोग किया।

By Shashank Shekhar MishraEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 03:51 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 03:51 PM (IST)
Assam Flood: कुदरत के कहर के बीच IAF के जांबाज बने मसीहा, असम और मेघालय के लिए कई टन राहत सामग्री की एयरलिफ्ट
IAF ने बाढ़ प्रभावित असम, मेघालय के लिए 96 टन राहत सामग्री एयरलिफ्ट की (फोटो-एएनआइ)

गुवाहाटी / शिलांग, एएनआइ। असम और मेघालय में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने शनिवार को अपनी मानवीय सहायता और आपदा राहत के क्रम में हवाई प्लेटफार्मों का उपयोग करके कम से कम 96 टन राहत सामग्री को एयरलिफ्ट किया है। IAF ने ट्वीट किया, "असम और मेघालय में राहत और सहायता प्रदान करने के High availability disaster recovery(HADR) प्रयासों को जारी रखते हुए, IAF ने 25 जून को विभिन्न हवाई प्लेटफार्मों का उपयोग करके 96 टन राहत सामग्री को 46 उड़ानों में 37 घंटे तक उड़ाया है।"

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IAF के अनुसार, वे 21 जून से असम और मेघालय में बाढ़ राहत अभियान चला रहे हैं। "असम और मेघालय की बाढ़ प्रभावित आबादी को पिछले 4 दिनों से राहत प्रदान करने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, IAF ने 74 HADR मिशनों में 203 टन राहत सामग्री को एयरलिफ्ट किया है, जबकि विभिन्न हेलीकॉप्टर और परिवहन विमानों का उपयोग कर फंसे 253 कर्मियों को भी बचाया है। IAF ने असम और मेघालय में अपने बाढ़ राहत कार्यो को जारी रखने के लिए C-130, An-32, Mi 17V5, Mi 171V, Mi17s और ALH का व्यापक रूप से उपयोग किया था। भारतीय वायुसेना ने शनिवार को बताया कि मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान के तहत राज्य को 200 टन से अधिक राहत सामग्री पहुंचाई है।

इस बीच, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने शनिवार को सूचित किया था कि असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण 28 जिलों में 33.03 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। एएसडीएमए के अनुसार, इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक कुल 117 लोगों की जान जा चुकी है। जिनमें से अकेले बाढ़ में 100 लोगों की मौत हो गई, जबकि शेष 17 की मौत भूस्खलन से हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी में डूबने से चार बच्चों समेत कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अकेले बारपेटा जिले में 8.76 लाख लोग, नागांव में 5.08 लाख, कामरूप में 4.01 लाख, कछार में 2.76 लाख, करीमगंज में 2.16, धुबरी में 1.84 लाख और दारांग जिले 1.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। विशेष रूप से, राज्य के 93 राजस्व मंडलों के तहत 3,510 गांव और लगभग 91,700 हेक्टेयर फसल भूमि अभी भी बाढ़ के पानी में डूबी हुई है। एएसडीएमए ने बताया कि राज्य में 22 जिलों के प्रशासन द्वारा स्थापित 717 राहत शिविरों में बाढ़ के पानी से प्रभावित 2,65,788 लोग अभी भी हैं।

कछार जिले के सिलचर में बाढ़ मानचित्रण के साथ-साथ दुर्गम क्षेत्रों में राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए दो ड्रोन तैनात किए गए हैं। पैकेज्ड पेयजल, चावल आदि सहित 85.2 मीट्रिक टन जीआर वस्तुओं को गुवाहाटी और जोरहाट से सिलचर के लिए हवाई परिवहन किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन कर्मियों, पुलिस बल और आपडा मित्र के स्वयंसेवकों के साथ जिला प्रशासन को बचाव अभियान और राहत वितरण में मदद कर रहे हैं।


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