Move to Jagran APP

घरेलू खर्च के लिए पैसे मांगना दहेजउत्पीड़न नहीं कहा जा सकता: अदालत

महिला का कहना है कि शादी के बाद से ही उसे तंग किया जाने लगा। कुछ दिनों बाद पति व सुसराल पक्ष के लोग उससे कुछ कीमती सामान व पांच लाख रुपये की मांग करने लगे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 12 Jun 2017 10:44 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jun 2017 10:44 PM (IST)
घरेलू खर्च के लिए पैसे मांगना दहेजउत्पीड़न नहीं कहा जा सकता: अदालत
घरेलू खर्च के लिए पैसे मांगना दहेजउत्पीड़न नहीं कहा जा सकता: अदालत

मुंबई, प्रेट्र। दहेज उत्पीड़न, क्रूरता के मामले में सुनवाई करते हुए मुंबई की एक अदालत ने कहा कि घरेलू खर्च के लिए पैसे मांगने को दहेज उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता। बोरीवली की अदालत ने सभी आरोपियों को बरी करते हुए महिला से सवाल किया कि उसने शिकायत दो साल बाद क्यों की।

loksabha election banner

महिला ने पुलिस के पास शिकायत 24 मार्च 2015 को दर्ज कराई थी। उसका विवाह पांच मई 2011 को हुआ था। महिला का कहना है कि शादी के बाद से ही उसे तंग किया जाने लगा। कुछ दिनों बाद पति व सुसराल पक्ष के लोग उससे कुछ कीमती सामान व पांच लाख रुपये की मांग करने लगे। जबकि शादी में उन्हें कैश व आभूषण दिए गए थे। बाद में उसने पचास हजार रुपये पति को दे दिए, लेकिन उसके बाद भी मार्च 2013 में उसे घर से निकाल दिया गया।

पति उसे दोबारा अपने साथ ले गया पर जून में उसे फिर से वापस मायके भेज दिया गया। इस मामले में अदालत के साथ बचाव पक्ष ने भी महिला से सवाल किया कि वह दो साल के बाद पुलिस के पास क्यों गई।अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पूरे मामले में ऐसा नहीं लग रहा है कि क्रूरता के जरिये महिला से पैसे वसूले गए। बचाव पक्ष यह भी साबित करने में विफल रहा कि दहेज मांगा गया था।

यह भी पढ़ें: पूर्वोत्तर के तीव्र विकास के लिए केंद्र प्रतिबद्ध - राजनाथ

यह भी पढ़ें: सलाद हटाकर एयर इंडिया का घाटा कम करने का सुझाव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.