आसाराम को भांजे की अंत्येष्टि के लिए नहीं मिली जमानत
गांधीनगर की एक अदालत ने दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद कथावाचक आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन्होंने अपने भांजे की अंत्येष्टि के लिए 30 दिनों की जमानत मांगी थी।
अहमदाबाद। गांधीनगर की एक अदालत ने दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद कथावाचक आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन्होंने अपने भांजे की अंत्येष्टि के लिए 30 दिनों की जमानत मांगी थी।
गांधीनगर अदालत के अतिरिक्त जिला जज आरए घोघड़ी ने बुधवार यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि आसाराम को महज अपने भांजे के अंतिम संस्कार के लिए अल्पकालीन जमानत नहीं मिल सकती है। क्योंकि परिवार के दूसरे सदस्य और दिवंगत व्यक्ति के भाई भी अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
73 वर्षीय आसाराम ने अर्जी में कहा था कि उन्हें अपने भांजे शंकर पगरानी (68) का अंतिम संस्कार करने के लिए 30 दिनों के लिए जमानत पर रिहा कर दिया जाए। शंकर की गत 19 मार्च को मृत्यु हो गई थी और शव को शहर के सिविल अस्पताल में रखा गया है।
इस अर्जी का सरकारी वकील आरसी कोदेकर ने यह कहते हुए विरोध किया था कि दिवंगत भांजे के दो भाई उनका अंतिम संस्कार कर सकते हैं। आसाराम की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हुई थी।