आसाराम की सेवादार 'रेखा' का शहर में डेरा
आसाराम की प्रमुख सेवादार और समर्पित साधिका रेखा ने शहर में डेरा जमा दिया है। वह लखनऊ सम्मेलन के बाद यहां पहुंची है। आठ वर्ष पूर्व रेखा पीड़िता के घर भी आ चुकी है। रेखा का आसाराम के आश्रमों में खास रुतबा रहा है और सुरेशानंद की तरह रेखा को भी साधकों का 'ब्रेनवॉश' करने में महारथ हासिल
जागरण कार्यालय, शाहजहांपुर। आसाराम की प्रमुख सेवादार और समर्पित साधिका रेखा ने शहर में डेरा जमा दिया है। वह लखनऊ सम्मेलन के बाद यहां पहुंची है। आठ वर्ष पूर्व रेखा पीड़िता के घर भी आ चुकी है। रेखा का आसाराम के आश्रमों में खास रुतबा रहा है और सुरेशानंद की तरह रेखा को भी साधकों का 'ब्रेनवॉश' करने में महारथ हासिल बताई जाती है।
सोमवार को रेखा को शहर में कई स्थानों पर देखा गया। वह पीड़िता के घर के सामने से होती हुई बरेली मोड़ और आश्रम वाली सड़क तक गई। इसके बाद लौटकर एक साधक के यहां शरण ली। बरेली मोड़ के पास रेखा को आसाराम से जुड़े रहे कई लोगों ने देखा। इसके बाद वे कार के पीछे लग गए। चारखंभा के पास से रेखा का पता नहीं चला। पीड़िता के पिता ने भी रेखा को आसाराम की विश्वासपात्र सेवादार बताया।
साथ ही यह भी कहा कि सुरेशानंद की तरह रेखा भी सत्संग कराती है। साधकों का ब्रेनवॉश करने में वह दक्ष है। पीड़िता के पिता ने बताया कि रेखा आठ वर्ष पूर्व शाहजहांपुर के मिशन स्कूल फील्ड में आयोजित सत्संग में आई थी। तब वह तीन दिन यहां रुकी थी। सेना के एक अधिकारी के यहां प्रवास किया था। पीड़िता के पिता ने आशंका जताई की रेखा किसी खास मिशन के तहत यहां आई है। इस दौरान वह गवाहों को प्रभावित करने के साथ ही किसी खास मकसद को अंजाम का प्रयास कर सकती है।
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