आसाराम विमान की सीट नंबर एफ-27 में कैद हुआ, फिर बाहर नहीं आया
समर्थकों के सामने खुद का यह हाल देखकर पहली बार आसाराम की आंखों में डर, गुस्सा, झुंझलाहट सब दिखाई दे रहा था।
नईदुनिया, इंदौर। 31 अगस्त 2013, रविवार का दिन था..इंदौर के एक छोर खंडवा रोड स्थित आश्रम में आसाराम की नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी हो रही थी और दूसरे छोर पर बना एयरपोर्ट अलर्ट था। यात्री नहीं थे, लेकिन आसपास का पूरा माहौल खुद-ब-खुद अलर्ट पर था। सूचना आ चुकी थी कि गिरफ्तारी के बाद आसाराम को हवाई रास्ते से दिल्ली होते हुए जोधपुर ले जाया जाएगा, लेकिन आसाराम नहीं आया था।
रात डेढ़ से सुबह सात बजे विमान में चढ़ने तक यही आशंका बनी हुई थी कि किसी और रास्ते न लेकर चले जाएं। सुबह लगभग सात बजे एआइ-736 के लिए बोर्डिंग अनाउंसमेंट शुरू हुआ। अंदर घुसते ही अहसास हुआ कि एक चौथाई विमान आसाराम के समर्थकों से भरा हुआ है, लेकिन आसाराम तब भी वहां नहीं दिखा। सब यात्रियों के बैठ जाने के बाद विमान के पिछले गेट से जोधपुर पुलिस आसाराम को लेकर आई। एफ-27..यह सीट अलॉट थी।
सही मायनों में यहीं से आसाराम की कैद शुरू हो गई थी। सामने समर्थक बैठे थे, लेकिन उससे मिल नहीं सकते थे। समर्थकों के सामने खुद का यह हाल देखकर पहली बार आसाराम की आंखों में डर, गुस्सा, झुंझलाहट सब दिखाई दे रहा था। मीडिया के सवालों से निरुत्तर सिर्फ यही बुदबुदा रहा था- हरि ओम, यह क्या हो गया! ..पर जो होना था हो ही चुका था।
सुबह 9:05 बजे विमान दिल्ली पहुंचा। सभी यात्रियों के उतरने के बाद आसाराम को विमान से बाहर लाया गया..पुलिस उसे बैटरी कार में बिठाकर ले गई। लगभग डेढ़ घंटे इंतजार के बाद जोधपुर लेकर चली गई। दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर उसके कुछ समर्थक जुटे थे, लेकिन एक ही दिन में कम हो गई संख्या उसे अहसास करा रही थी कि अब सत्ता हिल चुकी है।