दुष्कर्मी आसाराम को उम्रकैद व अन्य दोषियों को 20-20 साल की सजा
दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए आसाराम को उम्रकैद की सजा दी गयी है। अन्य दो आरोपियों को 20-20 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
नईदुनिया, जोधपुर। अपने आश्रम की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के अपराध में स्वयंभू बाबा आसाराम उर्फ आसूमल को स्थानीय विशेष अदालत ने बुधवार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई। उस पर तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जज मधुसूदन शर्मा ने सजा सुनाते हुए कहा कि अपराध घिनौना है और उसे मौत तक जेल में रहना होगा। सजा आइपीसी तथा किशोर न्याय कानून के तहत सुनाई गई है। मामले में लिप्त आसाराम के दो सहयोगियों - छात्रावास की वॉर्डन शिल्पी और गुरुकुल के संचालक शरद को भी 20-20 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
जबकि दो अन्य सहयोगी सेवादार शिवा तथा रसोइया प्रकाश द्विवेदी को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। आरोप था कि शिल्पी इलाज के नाम पर छात्रा को प्रेरित कर आसाराम के पास भेजती थी, जबकि शरद ने छात्रा की बीमारी का इलाज नहीं कराया। उसने छात्रा के परिजनों को भ्रमित किया कि उसका इलाज सिर्फ आसाराम ही कर सकता है।दुष्कर्म के अपराध में पिछले नौ महीनों में सजा पाने वाला आसाराम दूसरा स्वयंभू बाबा है। इसके पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2002 के दुष्कर्म के एक केस में पिछले साल अगस्त में 20 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने पर पंजाब और हरियाणा में हुई व्यापक हिंसा के मद्देनजर शहर में धारा 144 लागू कर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। करीब 56 माह पुराने इस मामले में आसाराम को सजा सुनाने के लिए पुलिस के आग्रह पर बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में बैरक नंबर दो के पास ही विशेष कोर्ट लगाई गई थी। जहां 77 वर्षीय आसाराम 2013 से बंद है। सजा सुनते ही आसाराम सिर पकड़कर रोने लगा और हाथ जोड़कर जज से उम्र का लिहाज कर सजा में रियायत की मिन्नतें करने लगा।
नौ बजे जज जेल पहुंचे जज मधुसूदन शर्मा फैसला सुनाने के लिए सुबह करीब नौ बजे ही जेल पहंुच गए। जेल में कोर्ट स्टाफ, आसाराम के 14 वकीलों और दो सरकारी वकीलों सहित कुल 30 लोगों को ही प्रवेश दिया गया। जज ने पहले तो आसाराम और उसके दो सहयोगी शिल्पी एवं शरद को दोषी करार दिया और फिर दो अन्य प्रकाश एवं शिवा को सुबूतों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया। इसके बाद जज ने आसाराम, शिल्पी और शरद का फैसला लिखवाया। इस दौरान करीब तीन घंटे तक आसाराम अस्थाई कोर्ट रूम में ही सिर पकड़कर बैठा रहा। सजा सुनते ही आसाराम ने जोर-जोर से रोते हुए सीने में दर्द की शिकायत की। तुरंत स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया तो चिकित्सकों ने आसाराम को स्वस्थ बताया।
पीडि़ता को हर्जाने में देंगे पांच लाख रुपयेपीडि़ता के वकील ने आसाराम सहित सभी दोषियों से हर्जाने के रूप में एक-एक करोड़ रुपये दिलाने का कोर्ट से आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने आसाराम को तीन लाख और शिल्पा व शरद को एक-एक लाख रुपये पीडि़ता को हर्जाना देने का आदेश दिया। जज को कराया इंतजार, कहा-पूजा तो कर लेने दोसुबह तय समय के अनुसार जेल में कोर्ट लग गई थी, मगर आसाराम समय से 15 मिनट विलंब से पहुंचा। ऐसे में जज को इंतजार करना पड़ा। देरी से पहुंचे आसाराम ने कहा, पूजा तो कर लेने दो साहब।
आज हाई कोर्ट में करेंगे अपील
आश्रम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा कि आसाराम की सजा स्थगित कराने के लिए हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। गुरुवार को सजा स्थगित कराने के साथ ही जमानत की याचिका भी हाई कोर्ट में दायर की जाएगी ।
फैसले पर हंसा, सजा सुन रोया
आसाराम को जब दोषी करार देने का फैसला सुनाया गया तो उसका चेहरा उतर गया, लेकिन कुछ पल शांत रहकर राम नाम जपने लगा और फिर अचानक नाटकीय अंदाज में हंसने लगा। इसके बाद जब सजा सुनाई गई तो सिर पकड़ कर जोर-जोर से रोने लगा। उसकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। उसे सामान्य होने के लिए कुछ समय छोड़ दिया गया। फिर वह बोला-जैसी ऊपरवाले की मर्जी।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीडि़ता आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) स्थित आश्रम में पढ़ती थी। उसने आरोप लगाया था कि इलाज के नाम पर उसे जोधपुर के निकट आसाराम के मणाई आश्रम ले जाया गया, जहां आसाराम ने 15 अगस्त, 2013 की रात उससे दुष्कर्म किया।
आगे के विकल्प और संभावनाएं-
आसाराम इस फैसले को हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दे सकता है।-कोर्ट से राहत मिलने तक उसे जेल में रहना होगा।-यदि इस मामले में ऊपरी अदालत से तत्काल राहत मिली भी, तो रिहा नहीं हो सकता। दरअसल, सूरत दुष्कर्म केस अभी लंबित है।
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