अरुण जेटली ने भ्रष्टाचार निरोध कानून को बताया अराजक, कहा- संशोधन की जरूरत
एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में पुणे पुलिस ने 21 जून को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूरे शीर्ष प्रबंध को गिरफ्तार कर लिया था।
मुंबई, पीटीआइ। सरकारी 'बैंक ऑफ महाराष्ट्र' के पूरे शीर्ष प्रबंधन की हाल में राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि किसी को भी देश के संघीय ढांचे की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम को अराजक बताते हुए उन्होंने इसमें संशोधन की जरूरत भी बताई। यह ऐसे कानूनों में से एक है जिसका प्रारूप बेहद खराब तरीके से बनाया गया है। इस वजह से सरकार भी असहाय हो जाती है।
मालूम हो कि एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में पुणे पुलिस ने 21 जून को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूरे शीर्ष प्रबंध को गिरफ्तार कर लिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने कर्ज देने के अपने नियमों का उल्लंघन कर घोटाले के आरोपी डेवलेपर डीएसके ग्रुप को 94.5 करोड़ रुपये का ऋण दिया। इस कार्रवाई से पूरा बैंकिंग समुदाय सदमे में आ गया और उन्होंने इसकी निंदा करने के लिए एक आपात बैठक भी की।
वीडियो लिंक के जरिये उद्योग जगत के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, 'अपराध की जांच में हम देश के संघीय ढांचे की अनदेखी नहीं कर सकते। हमारे संघवाद में कुछ शक्तियां केंद्र सरकार को दी गई हैं। कुछ शक्तियां राज्य सरकारों को प्रदान की गई हैं। कानून-व्यवस्था और जांच राज्य का विषय हैं। मैंने एक नया ही रुझान देखा है कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाली एजेंसी, संस्थान या बैंकों की जांच राज्य पुलिस कर रही है।'
उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को जब राज्य के अधिकारियों के खिलाफ जांच करनी होती है तो उन्हें राज्य से अनुमति लेनी होती है। यहां तक की सीबीआइ भी राज्य में किसी अपराध की जांच उसकी अनुमति के बगैर नहीं कर सकती।