फैसले को अपनी बेगुनाही का सर्टीफिकेट न माने कांग्रेस : जेटली
हमलावर तेवर में जेटली ने कहा '2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की तरफ से किया गया था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में सीबीआई के फैसले ने राजनीति में भी हलचल पैदा कर दिया। स्पेक्ट्रम का दंश झेल रही कांग्रेस ने जहां तत्काल अपना दामन साफ करार देते हुए भाजपा से माफी की मांग की। वहीं सरकार ने पलटवार में देर नहीं की।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई की याद दिलाते हुए आगाह किया कि इस फैसले को 'बेगुनाही का सबूत और सर्टिफिकेट' न समझें। उन्होंने कहा कि आगे की कानूनी कार्रवाई की राह खुली है।
हमलावर तेवर में जेटली ने कहा '2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में भ्रष्टाचार यूपीए सरकार की तरफ से किया गया था। यह हर किसी को पता है कि वर्तमान सरकार ने नीलामी से आवंटन किया और देश को करोड़ो रुपये का फायदा हुआ। संप्रग काल में भ्रष्टाचार हुआ था। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की गई उच्च स्तरीय जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई है। ऐसे में सीबीआई कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस को खुश होने की जरूरत नहीं है।'
जेटली ने कहा 'सीबीआई कोर्ट का जो फैसला आया है, उस पर संबंधित एजेंसी नजर रखे हुए है। वह अपने हिसाब से आगे क्या करना है, उसके लिए जरूरी कदम उठाएगी। सीबीआइ की ओर से भी स्पष्ट किया जा चुका है कि वह फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी।
कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 में स्पेक्ट्रम का जो भी आवंटन किया गया था, वह बाजार की मौजूदा कीमतों के आधार पर नहीं, बल्कि वर्ष 2001 की दरों के आधार किया गया था। इतना ही नहीं, स्पेक्ट्रम का आंवटन भी नीलामी के आधार पर नहीं, बल्कि पहले आओ और पहले आओ के आधार पर किया गया था। इससे साफ है कि इसके आवंटन में निजी हितों को साधा गया था।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के इस कदम से सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस नीति को रद्द किया। इसके बाद नई पालिसी बनाकर स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया।
कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश पर उन्होंने कहा 'इस मामले की जांच यूपीए के कार्यकाल के दौरान ही शुरु हो गई थी। यूपीए के कार्यकाल के दौरान ही इसकी चार्जशीट भी पेश की गई थी।' सच्चाई जनता के सामने है।
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