मानहानि का मुकदमा: जेटली ने दी 10 लाख रुपए की स्टाम्प ड्यूटी
डीडीसीए मामले में अरविंद केजरीवाल अौर अन्य के खिलाफ 10 करोड़ रुपए के मानहानि के मुकदमे के लिए अरुण जेटली को 10 लाख रुपए की स्टाम्प ड्यूटी भरनी पड़ी है।
मल्टीमीडिया डेस्क। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। जेटली का कहना है कि केजरीवाल तथा आप नेताओं ने उन पर झूठे आरोप लगाए हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को हानि पहुंची है।
गौरतलब है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में आर्थिक अनियमितताओं के आधार पर केजरीवाल सरकार ने जेटली तथा उनके परिजनों पर आरोप लगाए हैं।
केजरीवाल ने कहा है कि देश के वित्त मंत्री को खुद को निर्दोष साबित करने वाले सबूत पेश करना चाहिए। आइए जानते हैं इस मानहानि मुकदमे के बारे में:
खर्च : 10 करोड़ रुपए के मानहानि के मुकदमे के लिए अरुण जेटली को 10 लाख रुपए की स्टाम्प ड्यूटी भरनी पड़ी है।
नियम : कायदा कहता है कि केंद्र सरकार चाहे तो जेटली के इस मुकदमे का पूरा खर्च वहन कर सकता है। लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे निजी मुकदमा बनाया है और इसकी सारी फीस खुद भर रहे हैं।
केजरीवाल के वकील : केजरीवाल की तरफ से पूर्व भाजपा नेता राम जेठमलानी पैरवी करेंगे और वो सुनवाइयों के लिए कोई फीस नहीं लेंगे।
जेटली के वकील : अरुण जेटली की तरफ से उनके वकील सिद्धार्थ लूथरा केस लड़ेंगे। लूथरा सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता भी रह चुके हैं।
कीर्ति आजाद के आरोप : भाजपा नेता और सांसद कीर्ति आजाद का आरोप है कि डीडीसीए अधिकारियों ने टेंडर आवंटन में बंदरबाट किया है। ऐसी कंपनियों को ठेके और भुगतान किए गए, जो असल में थीं ही नहीं। आजाद इस बात पर भी हैरान है कि जेटली ने उन पर मुकदमा क्यों नहीं किया।