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जैसा सोचा था वैसा हुआ नोटबंदी व जीएसटी का प्रभाव : जेटली

जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों ने अर्थव्यवस्था में कर अनुपालन बढ़ाने और नकदी को कम करने में भूमिका निभाई है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 08 Oct 2017 09:04 PM (IST)Updated: Sun, 08 Oct 2017 09:04 PM (IST)
जैसा सोचा था वैसा हुआ नोटबंदी व जीएसटी का प्रभाव : जेटली
जैसा सोचा था वैसा हुआ नोटबंदी व जीएसटी का प्रभाव : जेटली

वाशिंगटन, प्रेट्र : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार के स्वच्छ भारत, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी जैसी पहलों का प्रभाव वैसा ही हुआ है जैसा सोचा गया था। जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों ने अर्थव्यवस्था में कर अनुपालन बढ़ाने और नकदी को कम करने में भूमिका निभाई है।

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वित्त मंत्री बर्कले इंडिया कांफ्रेंस को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर पर इन सुधारों को जनता का व्यापक समर्थन मिला है। नोटबंदी से पहले भारत में नकदी का अधिक उपयोग और कर नहीं चुकाना आम था। लेकिन, विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाला देश इस चलन को कैसे जारी रख सकता है। लिहाजा पूरे तंत्र में बड़े बदलाव की जरूरत थी। नकदी के ज्यादा इस्तेमाल से भ्रष्टाचार और अन्य तरह की समस्याएं पैदा होती है। जहां तक इन कदमों के अल्पकालिक फायदों का सवाल है तो कुछ ही महीनों में करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो गई। डिजिटल लेन-देन भी 70 करोड़ रुपये से बढ़कर 130 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो गया। जम्मू कश्मीर में घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों में काफी कमी आई है। पिछले 8-10 महीनों से जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाज नहीं दिख रहे हैं। उस समय आप देखते थे कि 5000-10000 पत्थरबाजों को आतंकी संगठनों द्वारा पैसा दिया जाता था। लेकिन, पिछले 8-10 महीनों से ऐसा नहीं हो रहा।

जीएसटी का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि पिछले तीन महीनों में राज्यों में सभी नाके खत्म हो गए हैं और देशभर में वस्तुओं की आवाजाही आसानी से हो रही है। जीएसटी परिषद ने कुछ चुनौतियों का संज्ञान लिया है जिनका समाधान करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस अभियान की वजह से स्वच्छता के महत्व को समझा गया है। उन्होंने आगे कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि भारत एक बार फिर अपनी वृद्धि दर हासिल कर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि न केवल हमें बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करना है बल्कि एक बड़ी युवा आबादी की जरूरतों को भी पूरा करना है।'

जेटली सोमवार को सप्ताहभर की यात्रा पर अमेरिका पहुंच रहे हैं। वह न्यूयॉर्क और बोस्टन में अमेरिकी कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों से परिचर्चा करेंगे व वाशिंगटन डीसी में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे।


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