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आयकर विभाग के छापों पर अरुण जेटली बोले, वेंडेट्टा का दावा नहीं हो सकता भ्रष्‍टाचार का बचाव

अरुण जेटली ने आयकर विभाग के छापों को विपक्षी दलों द्वारा सियासी बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई बताने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 08:40 PM (IST)
आयकर विभाग के छापों पर अरुण जेटली बोले, वेंडेट्टा का दावा नहीं हो सकता भ्रष्‍टाचार का बचाव
आयकर विभाग के छापों पर अरुण जेटली बोले, वेंडेट्टा का दावा नहीं हो सकता भ्रष्‍टाचार का बचाव

नई दिल्ली, जेएनएन। मध्यप्रदेश और कर्नाटक में आयकर विभाग की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताने पर भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी कार्रवाई को राजनीतिक बदला 'वेंडेट्टा' बताने की परंपरा रही है, लेकिन हकीकत में इससे भ्रष्टाचार को कभी जायज नहीं ठहराया जा सकता है। कर्नाटक और मध्यप्रदेश में पकड़े गए करोड़ों रुपये के गरीबों से जुड़ी योजनाओं में भ्रष्टाचार से बनाए गए होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह 'न्याय' की बात करने वाली कांग्रेस के गरीबों के साथ अन्याय करने के दोहरे चरित्र को दर्शाता है।

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अरुण जेटली ने राजनीतिक बदले के कांग्रेस के आरोप तंज कसते हुए कहा कि कर्नाटक और मध्यप्रदेश सरकार ने आयकर विभाग की कार्रवाई का तथ्यों के आधार पर जवाब नहीं दिया है। तर्क यह दिया जा रहा है कि केवल उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ नहीं हो रही है। जेटली ने समता के इस अधिकार की मांग को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि क्या विरोधियों के खिलाफ सबूत मिलने तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। जेटली ने कहा कि आयकर विभाग पूरी पड़ताल करने के बाद ही जरूरत के अनुसार छापे की कार्रवाई करती है।

अपने फेसबुक पोस्ट में अरुण जेटली ने बताया कि किस तरह मध्यप्रदेश और कर्नाटक में पकड़े गए सैंकड़ों करोड़ रुपये दरअसल गरीबों से जुड़ी योजनाओं के लिए थे, जिन्हें हड़प लिया गया। यह सरकार में बैठे लोगों की मन:स्थिति को दिखाता है और साथ ही यह भी दिखता है कि 'न्याय' की बात करने वाले असल में गरीबों के साथ किस तरह अन्याय करने में जुटे हैं। जेटली के अनुसार आम जनता के लिए सड़क, अस्पताल, घर, स्कूल आदि राज्यों के पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए जाते हैं। लेकिन इंजीनियरों और ठेकेदारों के साथ सांठगांठ करते इनका पैसा राजनीतिक आकाओं की जेब में पहुंच जाता है। इसी तरह गरीब बच्चों के लिए मिड डे मिल और प्रसूति महिलाओं के लिए पौष्टिक भोजन के कार्यक्रमों में घपला किया जाता है।


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