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Article 370: 15 अगस्त से पहले ना'पाक' हरकत को लेकर नौसेना के युद्धपोत हाई-अलर्ट पर

Article 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान की तरफ से होने वाली किसी भी नापाक हरकत से निपटने के लिए सेना ही नहीं नौसेना भी तैयार है।

By Digpal SinghEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 02:57 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 03:19 PM (IST)
Article 370: 15 अगस्त से पहले ना'पाक' हरकत को लेकर नौसेना के युद्धपोत हाई-अलर्ट पर
Article 370: 15 अगस्त से पहले ना'पाक' हरकत को लेकर नौसेना के युद्धपोत हाई-अलर्ट पर

नई दिल्ली, एएनआई। केंद्र सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया है। इसी के साथ इस प्रदेश को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले पर भी संसद से मुहर लगी। इनमें से एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बना है। इस फैसले का व्यापाक असर पड़ोसी देश पाकिस्तान में देखा जा रहा है। भारत में हुए इस फैसले के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और इस बौखलाहट में सीमा पार व्यापार रोकने और रेल परिवहन रोकने जैसे कई फैसले इमरान सरकार ने लिए हैं। पाकिस्तान की तरफ से होने वाली किसी भी नापाक हरकत से निपटने के लिए सेना ही नहीं, नौसेना भी तैयार है।

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न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारतीय नौसेना ने अपने सभी नौसैन्य ठिकानों और युद्धपोतों को हाईअलर्ट पर रखा है। पाकिस्तान से सीधे हमले की तो कोई आशंका फिलहाल नहीं है, लेकिन आतंकवादियों की आड़ में पड़ोसी देश किसी नापाक हरकत को अंजाम दे सकता है। वैसे भी स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त नजदीक है। आतंकवादी ऐसे ही मौके की तलाश में रहते हैं।

भारत में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के बाद पाकिस्तान में आनन-फानन में नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई गई। पड़ोसी देश में पक्ष-विपक्ष के तमाम नेताओं ने भारत के इस फैसले पर विरोध जताया। यही नहीं नेशनल असेंबली में ही यह बात भी कही गई कि भारत में फिर Pulawama Terror Attack जैसा कोई आतंकी हमला होगा और वह फिर से इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराएंगे। पाकिस्तान की संसद में तो Pulawama Terror Attack को नाटक तक करार दिया गया।

Air Space किया बंद
अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर ऐसी किसी एयर स्टाइक से डरा हुआ है। लिहाजा उसने महज 21 दिनों में एक बार फिर से अपना वायुक्षेत्र (Air Space) आंशिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है। पाकिस्तान ने अपने 11 हवाई रूट में से एक को सभी तरह की उड़ानों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस टू एयरमैन के मुताबिक, एयरस्पेस छह अगस्त से पांच सितंबर तक के लिए बंद किया गया है। पाकिस्तानी एयरलाइन्स के हवाई रूट में भी परिवर्तन किया गया है। इसके अलावा पाकिस्तान ने लाहौर क्षेत्र में सभी विदेशी विमानों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 46 हजार फीट निर्धारित कर दी है। वहीं, अफगानिस्तान से उड़ान भरने वाले विमानों को वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल करने को कहा गया है।

डर की वजह से Air Space बंद
भारतीय वायु सेना के पूर्व एयर मार्शल विनोद पाटनेय के अनुसार, पाकिस्तान ने फिर से एक हवाई रूट को बंद करने और ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया है, ताकि सभी विमान सही से रडार का निगरानी में रहें। कम ऊचाई पर उड़ते हुए विमान रडार को चकमा दे सकते हैं। जैसा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने किया था। उस दौरान भी IAF के लड़ाकू विमानों ने कम ऊंचाई पर उड़ते हुए पाकिस्तानी रडार को चकमा दिया था। पाकिस्तान का ये निर्णय हास्यास्पद है।

PoK में कार्रवाई का डर
अन्य सुरक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पाकिस्तान ने वायु क्षेत्र की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला डर की वजह से लिया है। दरअसल, पाकिस्तान को डर है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद मोदी सरकार को देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जिस तरह का समर्थन मिल रहा है, उससे उत्साहित होकर वो कहीं फिर से बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसा कोई बड़ा कदम न उठा ले। पाकिस्तान का ये डर इसलिए भी है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर को अखंड भारत का हिस्सा बनाने के बाद भारत में बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भी कब्जा मुक्त कराने की मांग उठने लगी है। कुछ भारतीय राजनेताओं के इस तरह के बयान ने पाकिस्तान की धड़कनें और बढ़ा दी हैं। यही वजह है कि भारत को आंख दिखाने वाला पाकिस्तान खुद डर की वजह से अपनी सेनाओं को मुस्तैद कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मदद की गुहार लगाता फिर रहा है।

फिर चीन की दर पर पाकिस्तान
इस मुद्दे को लेकर पाकिस्‍तान सरकार की बेचैनी बढ़ गई है। अमेरिका से मिली मायूसी के बाद पाकिस्‍तान की सरकार ने एकबार फ‍िर अपने सहयोगी चीन की ओर उम्‍मीदों से हाथ फैलाया है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) जम्‍मू-कश्‍मीर पर लिए गए भारत सरकार के फैसले के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए बीजिंग पहुंचे हैं। 

बता दें कि अनुच्‍छेद-370 (Article 370) को लेकर भारत सरकार के फैसले से बौखलाए पाकिस्‍तान ने अपने यहां भारतीय फिल्मों व ड्रामों के पाक में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही द्विपक्षीय कारोबार पर भी बैन लगा दिया है। पाकिस्‍तान ने समझौता एक्सप्रेस के आवागमन को भी रोकने का फैसला किया है। यहां तक कि उसने भारतीय राजनयिक को इस्‍लामाबाद से वापस भेज दिया है। 

फिर रिश्ते सुधारने को लेकर पाकिस्तान की शर्त
पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने गुरुवार को ही कहा कि भारत यदि अनुच्छेद-370 पर फैसला वापस लेता है तो हम दोबारा राजनयिक रिश्ता भी स्थापित कर लेंगे। हालांकि, भारत की ओर से पाकिस्‍तान को कोई तवज्‍जों नहीं दी जा रही है। वैसे आर्थिक विश्‍लेषकों की मानें तो पाकिस्‍तान ने भारत के साथ व्‍यापारिक रिश्‍ता खत्‍म करके अपने ही पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारने का काम किया है। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में भारत ने पाकिस्तान को कुल 2.3 लाख अरब रुपये का निर्यात किया। इसी वर्ष भारत ने पाकिस्तान से कुल 3.6 लाख अरब रुपये का सामान आयात किया।

व्यापार बंद करने से घाटा पाकिस्तान का
आसान भाषा में समझें तो पिछले वित्तीय वर्ष में भारत के मुकाबले पाकिस्तान ने हमें 1.3 लाख अरब रुपये का ज्यादा सामान बेचा है। मतलब भारत, पाकिस्तान से खरीदता ज्यादा है और बेचता कम है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए भारत एक बड़ा बाजार है, जहां पिछले वर्ष उसने कुल 3.6 लाख अरब रुपये का व्यापार किया। वहीं, पाकिस्तान अपने आवाम की जरूरी आवश्यकतें पूरी करने के लिए भी काफी हद तक भारत पर निर्भर है। जानकारों की मानें तो पाकिस्‍तान के इस कदम से उसकी डूबती अर्थव्‍यवस्‍था और गोते लगाएगी।  

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