Move to Jagran APP

काली हो सकती थी यूपी की दीवाली

लखनऊ [आनन्द राय]। इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक यासीन भटकल अगर नहीं पकड़ा जाता तो यूपी की दीवाली काली हो सकती थी। उसका इरादा बेहद खतरनाक था। काशी में पहले ही अपनी आमद दर्ज करा चुके यासीन की मथुरा और अयोध्या को दहलाने की खास योजना थी। इसे अंजाम देने के लिए यासीन ने अपने नये मोहरे तैयार किये थे और उसके

By Edited By: Published: Fri, 30 Aug 2013 11:15 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2013 12:00 AM (IST)
काली हो सकती थी यूपी की दीवाली

लखनऊ [आनन्द राय]। इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक यासीन भटकल अगर नहीं पकड़ा जाता तो यूपी की दीवाली काली हो सकती थी। उसका इरादा बेहद खतरनाक था। काशी में पहले ही अपनी आमद दर्ज करा चुके यासीन की मथुरा और अयोध्या को दहलाने की खास योजना थी। इसे अंजाम देने के लिए यासीन ने अपने नये मोहरे तैयार किये थे और उसके साथ पकड़ा गया आजमगढ़ का असदुल्लाह अख्तर उर्फ हड्डी इस अभियान में उसका सबसे बड़ा मददगार था।

loksabha election banner

भटकल के निशाने पर अन्य राज्यों के भी प्रमुख स्थल थे, लेकिन यूपी में वह इस बार जोरदार धमाका दर्ज करना चाहता था। नेपाल में यूनानी डाक्टर के रूप में उसने खासतौर पर इसी मिशन पर काम किया। युवाओं को गुमराह करने में माहिर इस आतंकी ने नेपाल में छिपे यूपी के भगोड़े अपराधियों में भी अपनी पैठ बनाई और उनके आकाओं से भी सम्पर्क साधा। सूत्रों के मुताबिक भटकल के खौफनाक इरादे की जानकारी केंद्र की एक एजेंसी ने राज्य सरकार को मुहैया करा दी है, लेकिन राज्य सरकार के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है। ध्यान रहे कि इंटेलीजेंस ब्यूरो ने राज्य सरकार को 15 अगस्त के मौके पर भी आतंकी खतरे से आगाह किया था। तब अभिसूचना संकलन में यह बात छनकर आयी कि नेपाल के रास्ते देश विरोधी ताकतें यहां आकर विस्फोट कर सकती हैं, लिहाजा काशी, अयोध्या और मथुरा के अलावा नरौरा तापीय परियोजना समेत कई प्रमुख स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई गयी थी। इस प्लान को राज्य सरकार ने मीडिया से साझा किया था, लेकिन तब यह बात सामने नहीं आयी थी कि यह यासीन भटकल का ही प्लान था। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों के सजग होने और इन स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा बढ़ाये जाने से यासीन ने तब अपना इरादा बदलकर दीपावली को टारगेट बना दिया था।

यूपी में यासीन के मोहरों की तलाश तेज

इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक यासीन भटकल के नये मोहरों की तलाश तेज कर दी गयी है। एनआइए और आइबी से मिली जानकारी के आधार पर एटीएस समेत कई एजेंसियां सक्रिय हो गयी हैं। सीतापुर, महराजगंज, वाराणसी, कुशीनगर, आजमगढ़, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, बरेली, खीरी, बलरामपुर, बहराइच, बाराबंकी आदि कई जिलों में भटकल के मोहरों के छिपे होने का अंदेशा है। भटकल को एनआइए ने 12 दिन की रिमांड पर लिया है और अभी देश के सभी राज्यों की एजेंसियों से अब तक की पूछताछ का इनपुट साझा कर रही है। शुक्रवार को एनेक्सी के मीडिया सेंटर में आये एडीजी/आइजी कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बस इतना बताया कि यासीन और असदुल्लाह से पूछताछ के लिए एटीएस की टीम गयी है। पूछताछ में क्या जानकारी मिली, इसे बताने से इन्कार कर दिया। उन्होंने यह जरूर कहा कि इसमें शक नहीं कि यहां भी आतंकी संगठनों के मॉड्यूल्स छिपे हैं। यह इंवेस्टीगेशन का विषय है।

भटकल की साजिश से दहल गयी थी काशी

यूपी के धार्मिक स्थलों को खासतौर पर अपने निशाने पर रखने वाले यासीन भटकल ने यहां के कई विस्फोटों की साजिश रची, लेकिन उत्तर प्रदेश की एटीएस के रिकार्ड में वाराणसी में सात दिसंबर 2010 में हुए शीतलाघाट विस्फोट का वह प्रमुख आरोपी है। इस विस्फोट की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने मीडिया घरानों को मेल करके ली थी, तभी यासीन का नाम सामने आया था। इस मामले में ही एटीएस यासीन को रिमांड पर लेने के लिए प्रयासरत है। शीतलाघाट विस्फोट में दो की मौत हुई थी, जबकि कई घायल हो गये थे।

खुली सीमा का उठाते थे फायदा

यासीन भटकल से नेपाल में मिलने जाने वाले युवा खुली सीमा का लाभ उठाते थे। वह बतौर पर्यटक नेपाल के पोखरा, काठमांडू, नेपालगंज आदि इलाकों में जाते और वहां उनका खर्च भटकल ही उठाता था। फिर उन्हें अपने मकसद में शामिल करने के लिए ब्रेनवास करता था।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.