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Arnab Goswami News : अर्नब गोस्‍वामी को स्‍कूल से तलोजा जेल शिफ्ट किया गया

पुलिस वाहन से तलोजा जेल भेजे जाने के दौरान अर्नब ने चिल्लाकर कहा कि शनिवार शाम अलीबाग के जेलर ने उन पर हमला किया। उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी खतरे में है और उन्हें उनके वकील से भी बात करने नहीं दिया जा रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 10:31 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 11:28 PM (IST)
Arnab Goswami News : अर्नब गोस्‍वामी को स्‍कूल से तलोजा जेल शिफ्ट किया गया
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की फाइल फोटो।

मुंबई, प्रेट्र। इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को रविवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ स्थित तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया। पहले उनको अलीबाग जेल के लिए एक स्कूल में बनाए गए कोरोना केंद्र में रखा गया था। 

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पुलिस ने कहा, न्यायिक हिरासत के दौरान कर रहे थे मोबाइल फोन का इस्तेमाल

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अर्नब को न्यायिक हिरासत के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाया गया। इसके बाद उन्हें तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि चार नवंबर को जब अर्नब को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था, तो उनसे उनका मोबाइल फोन ले लिया गया था। लेकिन, पुलिस ने पाया कि वे किसी अन्य का मोबाइल फोन लेकर इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय हैं। 

अर्नब ने जेलर पर लगाया हमले का आरोप, कहा- मेरी जिंदगी खतरे में है

पुलिस वाहन से तलोजा जेल भेजे जाने के दौरान अर्नब ने चिल्लाकर कहा कि शनिवार शाम अलीबाग के जेलर ने उन पर हमला किया। उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी खतरे में है और उन्हें उनके वकील से भी बात करने नहीं दिया जा रहा है। इस बीच, अर्नब की पत्नी सम्यब्रत राय गोस्वामी ने एक बयान जारी कर कहा कि उनके पति चार रातें न्यायिक हिरासत में गुजार चुके हैं। उनको तलोजा जेल ले जाते समय पुलिस द्वारा घसीटा गया। वे बार-बार कह रहे थे कि उनकी जान खतरे में है। लेकिन, किसी ने ध्यान नहीं दिया।

कोर्ट जल्‍द सुनाएगी फैसला  

बांबे हाईकोर्ट से अर्नब गोस्वामी को शनिवार को जमानत नहीं मिली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। पीठ ने कहा था कि वह हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से विचार-विमर्श के बाद फैसला सुनाएगी। इस बीच सभी पक्ष सत्र न्यायालय में जाने के लिए स्वतंत्र हैं।

पीठ ने सभी पक्षों को चेताया था कि यदि आज बहस पूरी नहीं हुई तो यह मामला दिवाली की छुट्टियों के कारण 23 नवंबर तक अटक सकता है। हालांकि, हाई कोर्ट में दिवाली की छुट्टियां सोमवार से शुरू हो रही हैं। लेकिन, चूंकि बहस पूरी हो चुकी है, इसलिए माना जा रहा है कि पीठ मुख्य न्यायाधीश से विमर्श करके दिवाली से पहले ही फैसला सुना देगी।


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