Move to Jagran APP

बजट की कमी से जूझ रही सेना, हथियार खरीदने के लिए पैसे नहीं!

प्रधानमंत्री मोदी देश समेत विदेश में आतंक को दुनिया के लिए खतरा बता रहे हैं। गृह मंत्री और रक्षा मंत्री कह रहे हैं कि सुरक्षा के मद्देनजर देश हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। लेकिन भारतीय सेना ने रक्षा पर बनी संसद की स्थायी समिति से

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 05 May 2015 11:24 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 03:08 PM (IST)
बजट की कमी से जूझ रही सेना, हथियार खरीदने के लिए पैसे नहीं!

प्रधानमंत्री मोदी देश समेत विदेश में आतंक को दुनिया के लिए खतरा बता रहे हैं। गृह मंत्री और रक्षा मंत्री कह रहे हैं कि सुरक्षा के मद्देनजर देश हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। लेकिन भारतीय सेना ने रक्षा पर बनी संसद की स्थायी समिति से कहा है कि सेना के पास जरूरी हथियार खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है।

loksabha election banner

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने अपनी ओर से चिंता जाहिर करते हुए यह रिपोर्ट पिछले हफ्ते समिति को सौंपी है। सेना ने कहा है कि इस साल कम बजट आवंटन के कारण सेना के लिए आर्टिलरी गन, कार्बाइन, मिसाइल और एंटी टैंक सिस्टम जैसे जरूरी हथियार और उपकरण नहीं खरीदे जा सकेंगे। जबकि पैसे की कमी के चलते कोस्ट गार्ड के लिए पेट्रोल वेसेल्स और सर्विलांस हेलीकॉप्टर भी खरीदना संभव नहीं होगा।

1960 के बाद सबसे कम

दिलचस्प यह है कि सेना की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब इस साल के बजट में सैन्य खर्च में 7.9 फीसद की वृद्धि की गई थी। जबकि जीडीपी के आधार पर कुल रक्षा खर्च 1.7 फीसद है। यह आंकड़ा 1960 के बाद सबसे कम है। भारतीय सेना का कहना है कि रक्षा बजट को बढ़ाकर जीडीपी का 3 फीसद किया जाना चाहिए। तर्क है कि चीन अपने जीडीपी का 2 फीसद, पाकिस्तान 3 फीसद, अमेरिका 3.8 फीसद और रूस 4.1 फसद रक्षा पर खर्च करता है। रक्षा मंत्रालय जून में वित्त मंत्रालय से अतिरिक्त राशि की मांग करेगा।

मौजूदा बजट में वेतन व रखरखाव

संसद की स्थायी समिति से सेना ने कहा है कि जितना बजट बढ़ाया गया है, उससे रखरखाव, वेतन और पुरानी खरीददारी का भुगतान ही हो पाएगा। उसके मुताबिक, नए प्रोजेक्ट्स के लिए रक्षा बजट में सिर्फ 8 फीस रकम दी गई है। जबकि सेना करीब 20 प्रोजेक्ट्स के लिए करार करना चाहती है। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कमेटी से कहा, हमें काफी आधुनिकीकरण की जरूरत है। हम इसकी अहमियत समझते हैं। हमारे पास इसकी योजना है, लेकिन फंड नहीं।

सेना ने दिया आरोपों का जवाब

सेना पर यह आरोप लगते रहे हैं कि उसकी खामियों के कारण हथियार खरीदने में देरी होती है। इस बाबत जवाब देते हुए सेना ने संसद की स्थायी समिति से कहा, अभी देरी की वजह यह है कि हमारे पास पैसा नहीं है। हालांकि, बड़े प्रोजेक्ट्स के मामले में कुछ देरी होती है क्योंकि उसके लिए वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेनी पड़ती है। हमें लगता है कि अगर फंड होगा तो हथियार खरीदने में देरी नहीं होगी।

एयरफोर्स ने भी की शिकायत

सेना के साथ ही भारतीय वायुसेना ने भी ऐसी ही शिकायत की है। वायुसेना का कहना है कि उसे नए प्रोजेक्ट्स के लिए जितने फंड की जरूरत थी, उसका सिर्फ 25 फीसद पैसा ही दिया गया है। एयरफोर्स को नए प्रोजेक्ट्स के लिए 3,264 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जिससे वह फ्रांस को 36 रफाल लड़ाकू विमान के लिए बमुश्किल पहली किश्त ही दे पाएगी।

माउंटेन स्ट्राइक कोर 2021 में

ड्रैगन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारत की बहुप्रतीक्षित माउंटेन स्ट्राइक कोर 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगी। पहली बार रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर कहा है कि इसके गठन के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और जल्द ही अब गठन का कार्य शुरू होगा। मंत्रालय ने कमेटी को भरोसा दिलाया है कि 2021 तक यह विशेष फोर्स बनकर तैयार हो जाएगी। मंत्रालय की योजना के अनुसार 80 हजार जवानों की यह विशेष फोर्स चीनी सीमा वाले ऊंचे इलाकों में रहकर लडऩे में पारंगत होगी व वायु शक्ति से भी लैस होगी। सूत्रों के अनुसार चीन अपनी तरफ इस तरह की फोर्स खड़ी कर रहा है और उसका कार्य हमसे काफी आगे बढ़ चुका है।

जमीन से हवा में मार करने वाली आधुनिक मिलाइल 'आकाश' भारतीय सेना को मिलने वाली है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मंगलवार को मनोहर पर्रिकर इस मिसाइल प्रणाली को भारतीय सेना को सौंपेंगे। मिसाइल दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को मारकर गिरा सकता है। इस प्रकार ये मिसाइल प्रणाली देश के लिए हवाई सुरक्षा ढाल साबित हो सकती है।

सेना को मिलेंगी 600 मिसाइल

इस मिसाइल को मोबाइल लांचर से भी दागा जा सकता है। यह 96 फीसद स्वदेशी मिसाइल है। सेना को अगले दो सालों में आकाश मिसाइल के दो रेजिमेंट्स मिलेंगे। जिसमें 600 मिसाइलें तब शामिल हो सकती हैं। इनकी लागत लगभग 14,180 करोड़ रुपये होगी।

आवाज की गति से ढाई गुना तेज

-100 टारगेट पर एक साथ रखेगा नजर

-18 किमी की ऊंचाई तक उडऩे में सक्षम

-5 विमानों पर एकसाथ हमला करने में सक्षम

- 30 किमी रेंज में आने वाले विमानों को मार गिराने में सक्षम

-14,333 किमी प्रति घंटे की गति से करती है हमला

क्या है खास

-लंबाई- 19 फीट

-वजन- 720 किलो

-हथियार क्षमता- 60 किलो

[साभार: आइ नेक्स्ट]

प्रोन्नति नीतियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सेना से नाराज

स्मार्ट सिटी के बाद अब स्मार्ट मिलिट्री स्टेशन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.