नौसेना व वायुसेना से तालमेल के लिए सेना करेगी व्यवस्था में बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से सीडीएस की घोषणा की थी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो महीने पहले तीनों सेनाओं के बीच समन्वय के दिशा-निर्देश के बाद सेना के सर्वोच्च कमांडरों ने नौसेना और वायुसेना के साथ तालमेल बैठाने के लिए व्यवस्थाएं बनाने और ढांचागत व्यवस्था करने के लिए विचार-विमर्श किया। ताकि सैन्य अभियानों में सहयोग बेहतर तरीके से बढ़ाया जा सके।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार अगले साल जनवरी से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के जरिए सेना, नौसेना और वायुसेना में संयुक्त कमान के गठन का काम शुरू कर देगी। ध्यान रहे कि सीडीएस की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से की थी।
मुख्यालय के पुनर्गठन पर भी चर्चा
सेना के वरिष्ठ कमांडरों के सोमवार से शुरू हुए छह दिवसीय सम्मेलन में सेना मुख्यालय के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि सेना के कमांडरों के सम्मेलन में तय किया गया है कि सेना की युद्धक क्षमता को बढ़ाने और प्रस्तावित पुनर्गठन के लिए प्रस्ताव सरकार को दिए जाएंगे। एक अहम सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ कमांडरों ने यह भी महसूस किया कि संयुक्त सैन्य सेवाओं से अभियानों को रफ्तार देने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, तीनों सेनाएं युद्ध की अपनी समग्र क्षमताओं को भी बढ़ा सकेंगी।
सैन्य प्रशिक्षणों को भी शुरू करने पर फैसला
मौजूदा समय में प्रत्येक सेना संसद में पारित अलग-अलग तीन अधिनियमों के तहत काम करती है। कमांडरों ने जल्द से जल्द विभिन्न आयामों के सैन्य प्रशिक्षणों को भी शुरू करने पर फैसला लिया। इन विविध अभियानों में अंतरिक्ष से संबद्ध हथियारों और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस पर भी काम करने का बीड़ा उठाया है। प्रशिक्षण के तहत सेना के कमांडरों को 'ऑनर कोड' के लिए ध्यान केंद्रित करना होगा। अधिकारियों की प्रशिक्षण अकादमियां नैतिक और परंपरागत मानकों को भी कैडिटों को सिखाएंगी।