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फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज से होती थी सेना की जासूसी, पाकिस्‍तान के लिए जुटाई जाती थीं जानकारियां

मुंबई पुलिस ने एक ऐसे फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश किया है जिसका इस्तेमाल सेना की जासूसी के लिए किया जाता था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:05 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 11:05 PM (IST)
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज से होती थी सेना की जासूसी, पाकिस्‍तान के लिए जुटाई जाती थीं जानकारियां
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज से होती थी सेना की जासूसी, पाकिस्‍तान के लिए जुटाई जाती थीं जानकारियां

मुंबई, राज्य ब्यूरो। मुंबई पुलिस ने एक ऐसे फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश किया है, जिसका इस्तेमाल सेना की जासूसी के लिए किया जाता था। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है एवं उसके साथियों की तलाश जारी है। इस फर्जी एक्सचेंज में इंटरनेट से आनेवाली कॉल को लोकल कॉल में बदलकर सेना से जुड़ी जानकारियां निकालने की कोशिश की जाती थी।सेना से मिली जानकारी के बाद मिलिट्री इंटेलीजेंस एवं मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने इस फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ मुंबई के गोवंडी इलाके में किया है। 

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जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में तैनात सैनिकों के बारे जुटाई जाती थी जानकारी 

पुलिस सूत्रों के अनुसार एक घर में चल रहे इस टेलीफोन एक्सचेंज में पाकिस्तान से आनेवाली इंटरनेट कॉल को लोकल कॉल में बदलकर जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में तैनात सैन्य प्रतिष्ठान से संबंधित लोगों से जानकारियां जुटाने की कोशिश की जाती थी। मई महीने में ऐसी कॉल की संख्या बढ़ने पर इस तरह की कॉल रिसीव करनेवालों ने मिलिट्री इंटेलीजेंस को सूचित किया। इसके बाद मिलिट्री इंटेलीजेंस एवं मुंबई पुलिस के शुरू हुए संयुक्त अभियान में यह बड़ी सफलता मिली। माना जा रहा है कि ऐसे ही माध्यमों से जानकारियां लीक होने के कारण पुलवामा जैसे हमले हुए होंगे।

अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के लिए चार सिम बॉक्सों का इस्तेमाल

मुंबई क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संतोष रस्तोगी के अनुसार यह अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के लिए चार सिम बॉक्सों का इस्तेमाल किया जा रहा था। वहां से 191 सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं। इनमें से 72 सिम कार्ड एक्टिव थे। शेष भविष्य के इस्तेमाल के लिए बचाकर रखे गए थे। इस अवैध एक्सचेंज में वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकोल (वीओआइपी) अर्थात इंटरनेट कॉल को लोकल जीएसएम कॉल में बदल दिया जाता था जिससे लगता था कि कॉल भारत के ही किसी हिस्से से आ रही है।

इन सिम बॉक्सों में अवैध तरीके से डॉयनमिक आइएमआइ सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। ये सिम बॉक्स लगातार बदलनेवाले आइएमईआइ नंबरों का इस्तेमाल करते थे, जिससे इन्हें ट्रैक करना मुश्किल होता था। सूत्रों के अनुसार इस एक्सचेंज के जरिए खाड़ी देशों से पुंछ एवं राजौरी इलाकों में कई कॉल किए गए थे।

ऐसे ही मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है आरोपित

प्रेट्र के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (डिटेक्शन) अकबर पठान ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम समीर कादर अलवारी है और उसने जम्मू-कश्मीर में फोन कॉल की बात स्वीकारी है। उसे पहले भी थाणे पुलिस ने इसी तरह के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके पास से सिम बॉक्सों व सिम कार्डो के अलावा लैपटाप, दो रूटर तथा 10 मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।


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