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जोजिला दर्रे में फंसे 350 लोगों को सेना ने बचाया, माइनस सात डिग्री तापमान में चला अभियान

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि बचाव कार्य पूरी रात चला। इसमें नागरिक प्रशासन पुलिस और ग्रेफ के अधिकारियों ने उल्लेखनीय सहयोग किया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 12:08 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 12:09 AM (IST)
जोजिला दर्रे में फंसे 350 लोगों को सेना ने बचाया, माइनस सात डिग्री तापमान में चला अभियान
जोजिला दर्रे में फंसे 350 लोगों को सेना ने बचाया, माइनस सात डिग्री तापमान में चला अभियान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। समुद्रतल से करीब 11500 फुट की ऊंचाई पर स्थित श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला दर्रे में गुरुवार रात हिमपात के कारण फंसे लगभग 350 लोगों को सेना ने समय रहते बचा लिया। इनमें पर्यटकों के साथ लेह, श्रीनगर, करगिल के नागरिक और चार दर्जन के करीब ट्रक चालक हैं। सोनमर्ग स्थित सैन्य शिविर में लाकर इन्हें जरूरी चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है।

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सोनमर्ग से जोजिला की तरफ जा रहे कई वाहन बर्फ में फंसे

434 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जोजिला दर्रा लद्दाख का प्रवेश द्वार कहलाता है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि बचाव कार्य पूरी रात चला। इसमें नागरिक प्रशासन, पुलिस और ग्रेफ के अधिकारियों ने उल्लेखनीय सहयोग किया। उन्होंने बताया कि सोनमर्ग, बालटाल, नीलग्रथ और उसके साथ सटे इलाकों में गत रोज हिमपात शुरू हो गया था। सोनमर्ग से जोजिला की तरफ जा रहे कई वाहन बर्फ में फंस गए। इससे कई जगह ट्रैफिक जाम हो गया और बड़ी संख्या में लोग फंस गए। माइनस सात डिग्री सेल्सियस तापमान के कारण वहां फंसे लोगों की जान पर बन आई।

कैंप में सभी लोगों को कंबल व अन्य गर्म कपड़े दिए गए

नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर सेना के जवानों ने इन लोगों को बचाने के लिए राहत अभियान शुरू किया। करीब 250 ट्रकों व अन्य वाहनों में फंसे लोगों जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे, सभी को सुरक्षित नीचे सोनमर्ग स्थित कैंप में लाया गया। कैंप में सभी लोगों को कंबल व अन्य गर्म कपड़े दिए गए। भोजन और ठहरने का प्रबंध किया गया। ठंड के कारण बीमार पड़े लोगों को चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई गई।

कर्नल कालिया ने बताया कि पुलिस और ग्रेफ के जवानों ने हिमपात के बीच ही ट्रैफिक जाम को हटाने की जिम्मेदारी निभाई जबकि सेना के जवानों ने बर्फ में फंसे लोगों को निकाल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। रास्ते में फंसे सभी वाहनों को भी बाद में धीरे-धीरे निकाला और उन्हें वापस सोनमर्ग लाया गया।


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