सेना भी हटाएगी कश्मीर से चौकियां
अफस्पा को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से हटाने के मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ विवाद के बीच सेना ने कश्मीर घाटी के अंदरूनी हिस्सों से अपनी आठ चौकियां हटाने की योजना तैयार कर ली है। सेना का यह कदम ऑप्रेशन सदभावना के बाद आम लोगों के प्रति दूसरा सबसे बड़ा कांफिडेंस बिल्डिंग मेजर [विश्वास बहाली के उपाय] साबित होगा।
जम्मू [नवीन नवाज]। अफस्पा को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से हटाने के मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ विवाद के बीच सेना ने कश्मीर घाटी के अंदरूनी हिस्सों से अपनी आठ चौकियां हटाने की योजना तैयार कर ली है। सेना का यह कदम ऑप्रेशन सदभावना के बाद आम लोगों के प्रति दूसरा सबसे बड़ा कांफिडेंस बिल्डिंग मेजर [विश्वास बहाली के उपाय] साबित होगा।
गौरतलब है कि श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में सीआरपीएफ के बंकर और शिविर हटाने की प्रक्रिया बीते दो सालों से जारी है। बीते एक साल में सीआरपीएफ के 43 बंकर हट चुके हैं। सेना और राज्य प्रशासन के बीच सैन्य चौकियों को हटाने के संदर्भ में कोई औपचारिक फैसला तो नहीं हुआ है, लेकिन सैन्य प्रशासन ने वादी के अंदरूनी इलाकों जहां हालात पहले से ज्यादा बेहतर हैं और आतंकियों का सफाया हो चुका है, वहां से चौकियां हटाने का अपना ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। सेना ने कश्मीर के दक्षिणी व उत्तरी भाग के चार-चार चौकियों को हटाने के लिए चुना है।
गौरतलब है कि दक्षिणी भाग में आतंकरोधी अभियानों का जिम्मा विक्टर फोर्स का है। इस भाग के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, त्राल, कुलगाम, बिजबिहाड़ा, अवंतीपोर व उनके साथ सटे इलाकों में सक्रिय राष्ट्रीय राइफल्स की सभी वाहिनियां विक्टर फोर्स के दायरे में हैं। जबकि बड़गाम के ऊपरी इलाकों से लेकर बारामूला, कुपवाड़ा, हंदवाडा, गांदरबल, सोपोर, बांडीपोर में सक्रिय राष्ट्रीय राइफल्स किलो फोर्स के अधीन हैं।
श्रीनगर स्थित सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने बताया कि सैन्याधिकारियों और राज्य प्रशासन के साथ इस बारे में विचार-विमर्श जारी है। अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अलबत्ता, चौकियों को हटाने से पूर्व उनके आसपास के इलाके में बिछी बारूदी सुरंगों को हटाना बहुत जरूरी है। यह काम चल रहा है। चौकियां उन्हीं इलाकों से हटेंगी, जहां स्थिति पूरी तरह सामान्य हो चुकी है। उन्होंने वादी के विभिन्न इलाकों में सरकारी इमारतों में स्थित सैन्य शिविरों को हटाने का यकीन दिलाते हुए कहा कि जैसे-जैसे वैकल्पिक स्थान मिलते जाएंगे, इन इमारतों को खाली किया जाएगा। कोर कमांडर ने कहा कि वादी के हालात में सुधार आया है और कभी कभार होने वाली सनसनीखेज आतंकी वारदातों को यह नहीं कहा जा सकता कि आतंकी पूरी तरह सक्रिय हैं।
एक अन्य सैन्याधिकारी ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में कुछ चौकियों और सैन्य शिविरों के आसपास से डिमाइनिंग का काम शुरू हो चुका है। इनमें बागातपोरा, बुनवाड़ा और पुंजवा शामिल हैं।
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