हिमाचल में 56 साल बाद बरामद हुए चार शव; IAF विमान हादसे में गंवाई थी जान
सात फरवरी 1968 में टर्बोप्राप यातायात विमान चंडीगढ़ से लेह जाते समय कहीं गायब हो गया था। इसमें 102 लोग सवार थे। इस विमान हादसे में मारे गए चार लोगों के शव बरामद हुए हैं। 56 साल बाद इनके शव मिले हैं। बरामद किए गए शवों में से तीन की पहचान मलखान सिंह सिपाही नारायण सिंह और क्राफ्टमैन थॉमस चरण के नाम से हुई है।
एएनआई, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रा में 56 साल पहले विमान हादसा हुआ था। भारतीय वायुसेना का एएन-12 विमान दुर्घटना का शिकार हुआ था। इस हादसे में चार सैनिकों की मौत हो गई थी। इन सभी चार सैनिकों की लाश 56 साल बाद बरामद हुई है।
भारतीय सेना की ज्वाइंट टीम ने बरामद किए शव
भारत के सबसे लंबे समय से चल रहे सर्च ऑपरेशंस में से एक था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी कि शवों को भारतीय सेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू के कर्मियों की ज्वाइंट टीम ने बरामद की है।
तीन शवों की हुई पहचान
सात फरवरी 1968 में टर्बोप्राप यातायात विमान चंडीगढ़ से लेह जाते समय कहीं गायब हो गया था। इसमें 102 सेना से जुड़े लोग सवार थे। अधिकारियों ने बताया कि बरामद किए गए शवों में से तीन की पहचान मलखान सिंह, सिपाही नारायण सिंह और क्राफ्टमैन थॉमस चरण के नाम से हुई है।
साल 2018 में मिले थे विमान के अवशेष
2018 में, 6,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ढाका ग्लेशियर बेस कैंप में विमान के अवशेष और एक सैनिक के शव की खोज की गई थी। यह पुनर्प्राप्ति पर्वतारोहियों की एक टीम द्वारा की गई थी, जो 1 जुलाई, 2018 को शुरू किए गए चंद्रभागा -13 शिखर पर सफाई अभियान का हिस्सा थे।
उस वर्ष जुलाई के मध्य में कई दिनों के दौरान मलबे और अवशेषों की पहचान की गई। एसपी चौधरी ने कहा कि सेना अभियान दल अब अवशेषों को लोसर बेस पर वापस लाने की प्रक्रिया में है।
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