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सैन्य युद्धाभ्यास के जरिए संतुलन साधने में व्यस्त रही सेना

भारतीय नौसेना के युद्ध पोतों ने इस साल 113 विदेशी बंदरगाहों तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 10:33 PM (IST)
सैन्य युद्धाभ्यास के जरिए संतुलन साधने में व्यस्त रही सेना
सैन्य युद्धाभ्यास के जरिए संतुलन साधने में व्यस्त रही सेना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्व ताकतों से मिल रही चुनौतियों से निपटने और खुद की सैन्य शक्ति में इजाफा करने के लिए भारतीय सेना ने लगातार एक से बढ़कर एक सैन्य अभ्यास इस वर्ष किए है। दुनिया के किसी भी अन्य देशों से ज्यादा सैन्य युद्धाभ्यास कर भारतीय सेना इस साल अपने सबसे व्यस्त दौर में रही है। सैन्य अभ्यास के जरिए भारत की दुनिया के बड़े छोटे देशों को साधने की कोशिशों को नया आयाम मिला है।

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दिसंबर का अंत आते आते भारत दुनिया के ताकतवर देशों में शुमार अमेरिका, रूस, चीन और ब्रिटेन के साथ युद्ध अभ्यास पहले ही खत्म कर चुका है। भारत की तरफ से बड़े देशों के अलावा छोटे देशों के साथ भी रक्षा संबंधों को और बेहतर करने की कोशिश की गई है। रणनीतिक और रक्षा समझौतों से लेकर कॉम्बैट एक्सरसाइज में भी भारत अमेरिका और रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिशों में सफल रहा है। अमेरिका और रुस के अलावा भारत तीसरी बड़ी शक्ति चीन के साथ भी सैन्य संबंधों में आगे बढ़ा है। डोकलाम विवाद के बाद ठंडे बस्ते में चले गए सैन्य संबंधों को फिर से सक्रिय करने करने में भी भारत चुस्त नजर आया।

साल के आखिर तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और आसियान देशों में शामिल सिंगापुर, वियतनाम, मलयेशिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे देशों के साथ भी युद्ध कौशल साझा किया है। भारतीय नौसेना के युद्ध पोतों ने इस साल 113 विदेशी बंदरगाहों तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। अब तक भारत की नौसेना ने 16 अन्य देशों की नौसेनाओं के साथ युद्धाभ्यास और पेट्रोलिंग का कार्यक्रम भी किया है।

वही देश की वायुसेना भी इन मामलों में कही पीछे नहीं रही, वायुसेना ने सबसे बड़ा युद्धाभ्यास गगन शक्ति में अपना दम दिखाया, वही भारत ने अमेरिका और रुस की वायुसेना के साथ युद्धाभ्यास किया गया।

गौरतलब है कि भारतीय सैन्य कूटनीति अपनी सबसे चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है। जहां एक तरफ भारत अमेरिका के सैन्य संबंध मजबूत हुए है तो वही भारत ने रुस से बीच की खाई को पाटने की कोशिश की है। भारत चीन के साथ अपने रिश्तों का सामरिक संतुलन बिठाने के लिए जापान के साथ सैन्य संबंध बढ़ा रहा है। इसी कड़ी मे सालाना होने वाला साझा सैनिक अभ्यास सैन्य रणनीति और कूटनीति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।


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