गोपनीय फाइलें नष्ट करने के विवाद का वीके सिंह ने किया खंडन
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने अपने रिटायरेंट से पहले सेना द्वारा कई गोपनीय दस्तावेजों को नष्ट करने के आरोपों का जोरदार खंडन किया है। उन्होंने कहा कि अखबार में खबर छपी यह खबर काल्पनिक है। मैंने उसके संवाददाता को 2012 में ही मामले की पूरी जानकारी दे
नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने अपने रिटायरेंट से पहले सेना द्वारा कई गोपनीय दस्तावेजों को नष्ट करने के आरोपों का जोरदार खंडन किया है। उन्होंने कहा कि अखबार में खबर छपी यह खबर काल्पनिक है। मैंने उसके संवाददाता को 2012 में ही मामले की पूरी जानकारी दे दी थी, लेकिन पूरी बात नहीं छापी गई। उन्हाेंने कहा कि या तो संवाददाता बिक गया या फिर किसी और का मोहरा है। यदि राष्ट्रीय हित से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों पर आप (अखबार) मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं तो मैं आपकी देशभक्ति पर सवाल उठाता हूं।
एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट छापी है जिसमें कहा गया है कि 31 मई 2012 को जब वी के सिंह सेना प्रमुख पद से रिटायर हुए उसके पहले 22 से 25 मई 2012 के बीच तमाम गोपनीय दस्तावेज नष्ट कर दिए गए। इनमें से ज्यादातर दस्तावेजद टेक्निकल सर्विस डिवीजन नाम की उस खास यूनिट से जुड़े थे जो जनरल वी के सिंह ने 2010 में बनाई थी।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि नष्ट किए दस्तावेजों में से ज्यादातर इस यूनिट की तरफ से सेना के खुफिया ऑपरेशन से जुड़े हुए थे। अखबार के मुताबिक जो दस्तावेज नष्ट किए गए उनमें से एक में टेक्निकल सर्विस डिवीजन के हर महीने के खर्च का बैंक स्टेटमेंट भी था।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से ये भी बताया है कि एक उस समय टेक्निकल सर्विस डिवीजन के प्रमुख कर्नल हनी बख्शी और इस डिवीजन के अधिकारी कर्नल सर्वेश ढडवाल से जुड़ी फाइलें भी नष्ट की गई थीं। जनरल वी के सिंह का बनाया सेना का टेक्निकल सर्विस डिवीजन विवादों में रहा है। बाद में इसे खत्म कर दिया गया था।