सैन्य कमांडरों ने लद्दाख और चीन की स्थिति पर लगातार दूसरे दिन चर्चा की
सैनिकों वाहनों और उपकरणों सहित सैन्य सहायता पूर्वी लद्दाख भेजी गई--जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर में आतंकवाद रोधी अभियानों पर भी हुई चर्चा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक सैन्य व्यवहार को मजबूती से रोकने की रणनीति के तहत एक ओर जहां अतिरिक्त सैनिक और अस्त्र-शस्त्र भेजे, वहीं दूसरी तरफ सैन्य कमांडरों ने क्षेत्र की नाजुक स्थिति पर गुरुवार को लगातार दूसरे दिन चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, दमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत की मौजूदगी को मजबूत करने के लिए सैनिकों, वाहनों और उपकरणों सहित सैन्य सहायता भेजी गई है।
सैन्य कमांडरों ने बुधवार(27 मई) को भी तीन दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर गहन चर्चा की थी। सूत्रों ने बताया कि थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने की अध्यक्षता में हो रहे सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्रों में आतंकवाद रोधी अभियानों पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में सभी विवादित क्षेत्रों में आक्रामक हाव-भाव जारी रखेगी और यथास्थिति कायम होने तक पीछे नहीं हटेगी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में अपनी शक्ति बढ़ा ली है और यहां तक कि वहां तोप भी पहुंचा दी है।
कमांडरों का सम्मेलन पहले 13 से 18 अप्रैल तक होना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसे टाल दिया गया था। यह सम्मेलन हर साल अप्रैल और अक्टूबर में होता है। सम्मेलन का दूसरा चरण जून के अंतिम सप्ताह में होगा। इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर पर बात कर रहा है। साथ ही देश अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के अपने संकल्प पर अटल है।
PM मोदी ने की थी शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ बैठक
इससे पहले भारत और चीन के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (26 मई) को देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ पूरे हालात की समीक्षा की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत व तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे।