Move to Jagran APP

भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत, बेड़े में शामिल हुआ 90 फीसद 'मेड इन इंडिया' INS कवरत्ती

आईएनएस कवरत्ती का नाम 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तानी गुलामी से मुक्ति दिलाने वाले युद्ध में अपने अभियानों के जरिये अहम भूमिका निभाने वाले युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती के नाम पर मिला है। भूतपूर्व आईएनएस कावारत्ती अरनल क्लास मिसाइल युद्धपोत था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:47 AM (IST)
भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत, बेड़े में शामिल हुआ 90 फीसद 'मेड इन इंडिया' INS कवरत्ती
प्रोजेक्ट 28 के तहत निर्मित चार स्वदेशी युद्धपोत में से यह अंतिम है।

नई दिल्ली, एएनआइ। चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने विशाखापट्टनम में स्वदेशी निर्मित एंटी-सबमरीन युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती (INS Kavaratti) को नौसेना में शामिल किया। इस की खासियत है कि यह रडार की पकड़ में नहीं आता। कवरत्ती के बेड़े में शामिल होने से नौसेना की ताकत में और भी अधिक इजाफा होगा। प्रोजेक्ट 28 के तहत निर्मित चार स्वदेशी युद्धपोत में से यह अंतिम है। 

loksabha election banner

आईएनएस करवत्ती को भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डीजाइन (डीएनडी) ने डिजाइन किया है। इससे पहले नौसेना को ऐसे ही तीन युद्धपोत आईएनएस कमोर्ता, आईएनएस कदमत और आईएनएस किलतानसौंपे जा चुके हैं। इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने कहा कि INS Kavaratti का कमीशन हमारे देश के समुद्री सिमाओं की सुरक्षा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

कवारत्ती को स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया गया है जिसमें एक मध्यम श्रेणी की बंदूक, टारपीडो ट्यूब लांचर, रॉकेट लांचर और एक करीबी हथियार प्रणाली शामिल है। नौसेना अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस कवरत्ती में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है और ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं। इस युद्धपोत में इस्तेमाल की गई 90 फीसद चीजें स्वदेशी हैं।

क्यों पड़ा ये नाम                                                                                                                                

आईएनएस कवरत्ती का नाम 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तानी गुलामी से मुक्ति दिलाने वाले युद्ध में अपने अभियानों के जरिये अहम भूमिका निभाने वाले युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती के नाम पर मिला है। भूतपूर्व आईएनएस कावारत्ती अरनल क्लास मिसाइल युद्धपोत था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.