मेजर गोगोई दोषी पाए गए तो ऐसी सजा मिलेगी जो मिसाल बनेगी: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख के बयान के बाद मेजर गोगोई के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश जारी किया गया है।
श्रीनगर (नवीन नवाज)। वरिष्ठ अधिकारी को बताए बिना कमांड से बाहर जाने की अनुशासनहीनता बरते जाने के कारण सेना ने मेजर लीतुल गोगोई के खिलाफ शुक्रवार को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। गोगोई को बीते बुधवार पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया था जब वह एक स्थानीय युवती के साथ श्रीनगर के एक होटल के कमरे में जाना चाहते थे और रोके जाने पर होटलकर्मियों के साथ उनका झगड़ा हो गया था।
बाद में पुलिस ने मेजर को सेना के हवाले कर दिया था। बीरवाह, बडगाम में 53 आरआर में तैनात मेजर गोगोई अपने वरिष्ठ अधिकारी को बताए बिना श्रीनगर चले गए थे। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का फैसला सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के शुक्रवार को दिए इस बयान के बाद लिया गया कि दोषी पाए जाने पर मेजर लीतुल गोगोई को कठोर सजा दी जाएगी। वह शुक्रवार को पहलगाम स्थित सेना के गुडविल स्कूल में डिजिटल एजुकेशन सिस्टम का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश के साथ ही मेजर गोगोई को सेना की 53 आरआर से हटाकर चिनार कोर मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। जबकि उनके कमांडिग ऑफिसर को भी लापरवाही बरतने के कारण 53 आरआर की कमांड से हटाकर राज्य से बाहर किसी अन्य वाहिनी में अंडर कमांड पोस्टिंग पर भेजे जाने की तैयारी है।
सात साल की सजा संभव
मेजर के खिलाफ भले कोई आपराधिक केस न बने, मगर सैन्य नियमों के तहत उनके लिए सजा से बचना मुश्किल है। दोष साबित होने पर मेजर गोगोई को सेना से निष्कासित करते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी और उन्हें कम से कम सात साल कैद भी होगी।
पत्थरबाज को जीप पर पर बांधकर ढाल बनाया था
नौ अप्रैल 2017 को बीरवाह, बडगाम में एक पत्थरबाज को मानव ढाल बनाकर जीप पर बांध कर इलाके में हिंसा पर रोक लगाने के बाद मेजर लीतुल गोगोई सुर्खियों में आए थे। उनकी इस हरकत पर देश में बवाल मचा था।