सीमा पार के आतंकियों को खटक रहा घाटी का अमन चैन, सेना प्रमुख बोले- LoC पार बड़ी संख्या में लॉन्चिंग पैड मौजूद
सीमा पार के आतंकियों को जम्मू-कश्मीर का अमन चैन खटकने लगा है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने (MM Naravane) ने कहा है कि सीमा पार के आतंकी जम्मू-कश्मीर में लगातार घुसपैठ की कोशिशें कर रहे हैं। आतंकी जम्मू-कश्मीर में सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित करने की फिराक में हैं।
कुन्नूर, एएनआइ। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए आतंकी इस समय घुसपैठ की हर कोशिश में जुटे हैं। एक प्रेस कांफ्रेंस में जनरल नरवाने ने कहा, 'हमारी पश्चिमी सीमाओं पर मौजूदा हालात में आतंकवाद अभी भी गंभीर खतरा बना हुआ है और सभी कोशिशों के बावजूद इसमें कमी नहीं आ रही है। पूरी नियंत्रण रेखा पर आतंकियों के लांच पैड हैं और आतंकी सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि सर्दियों की शुरुआत के साथ ही आतंकी घुसपैठ की आखिरी कोशिश कर रहे हैं इससे पहले कि दर्रे बंद हो जाएं और हिमपात का स्तर इतना हो जाए कि घुसपैठ करना नामुमकिन हो जाए। जनरल नरवाने ने कहा कि इसीलिए आतंकियों ने दक्षिण की ओर आना शुरू कर दिया है और अब निचले इलाकों के जरिये घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं इनमें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरंगें शामिल हैं।
इससे पहले सेना प्रमुख ने भारतीय नौसैनिक अकादमी (आइएनए) की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कुल 164 प्रशिक्षु अधिकारी बन गए हैं। श्रीलंका के दो प्रशिक्षुओं ने भी अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। समारोह में सर्वश्रेष्ठ कैडटों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए गए। पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए जनरल नरवाने ने कैडटों से अनुरोध किया कि वे कड़ा प्रशिक्षण हासिल करें ताकि देश के समक्ष सभी चुनौतियों से पार पाया जा सके क्योंकि तभी अपना देश समृद्ध हो सकता है।
उन्होंने कहा, 'आज देश सभी ओर से चुनौतियों का सामना कर रहा है, कुछ घरेलू हैं और कुछ बाहरी। देश की रक्षा में सशस्त्र बल सबसे मजबूत स्तंभ हैं। जब हर चीज विफल हो सकती हैं, हम नहीं हो सकते। युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता। हर चुनौती के समय देश हमसे ही अपेक्षा करता है चाहे युद्ध की स्थिति हो, प्राकृतिक आपदा हो, कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति हो या फिर राजनयिक अभियान।'
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में पहली बार होने जा रहे जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव से मजबूत होते लोकतंत्र से पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है। पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आए दिन आतंकियों की घुसपैठ करना ने की मंशा से गोलीबारी कर रही है। पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी भारी गोलाबारी जारी रखते हुए राजौरी जिले के सुंदरबनी और जम्मू के अखनूर सेक्टर के साथ सटे केरी बट्टल इलाके को निशाना बनाया। पाकिस्तानी गोलाबारी का जवाब देते हुए सेना के दो जवान बलिदान हो गए।
पाकिस्तान के बढ़ते दुस्साहस को देखते हुए सीमा पर सेना व सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं। वहीं, 28 नवंबर से शुरू हो रहे डीडीसी चुनाव को देखते हुए सैन्य अधिकारी एलओसी और अंदरूनी इलाकों में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पाकिस्तान ने गत गुरुवार को भी पुंछ में एलओसी पर गोलाबारी की थी जिसमें सेना की 16 गढ़वाल राइफल के सूबेदार स्वतंत्र सिंह शहीद हो गए थे और एक स्थानीय नागरिक भी घायल हुआ था। इसके बाद गुरुवार दोपहर को श्रीनगर में आतंकी हमले में सेना की क्विक रिएक्शन टीम के दो जवान सिपाही रतन सिंह और सिपाही देशमुख यश वीरगति को प्राप्त हुए थे।