चीन से बढ़ते तनाव के बीच सेना प्रमुख ने की टॉप आर्मी कामांडर्स के साथ बैठक, बनेगी रणनीति
देश के सुरक्षा के हालात पर सोमवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने दिल्ली में टॉप आर्मी कामांडर्स के साथ बैठक की ।
नई दिल्ली, एएनआइ। लद्दाख में चीन से तनाव के बीच देश के सुरक्षा के हालात पर सोमवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने दिल्ली में टॉप आर्मी कामांडर्स के साथ बैठक की। कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे चरण के लिए कमांडर्स राजधानी में हैं। इसमें चीन और पाकिस्तान सीमा के उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर ऑपरेशनल हालात की समीक्षा की जाएगी और सुरक्षा को चाक चौबंद बनाने के लिए रणनीति बनेगी। यह जानकारी सेना के अधिकारी ने दी।
Army Commanders Conference, ACC-20 is being conducted on 22-23 June, 2020 to review the operational situation on both the Northern and Western Fronts: Indian Army https://t.co/BDFfovoYC6" rel="nofollow
— ANI (@ANI) June 22, 2020
उधर, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव को कम करने के लिए सोमवार को फिर भारत-चीन के बीच कमांडर-स्तर की जारी है। इस बैठक में भी भारत ने चीन से पीछे हटने को कहा है और 5 मई से पहले वाली स्थिति बहाल करने को कहा है।
चीन को सीमा पर मुंहतोड़ जवाब देने की मिली खुली छूट
चीन सीमा पर जारी हालात की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की थी। इस दौरान सरकार ने तीनों सेनाओं को चीन की हर चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए खुली छूट दी है। रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख के साथ-साथ अरणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एलएसी के सभी संवेदनशील मोर्चो पर हालात की समीक्षा की। इसमें सबसे अहम फैसला यह है कि फील्ड कमांडरों को अप्रत्याशित स्थिति में हथियार के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है। निश्चित तौर पर भारत ने दोनों सेनाओं के बीच दशकों से बंदूक इस्तेमाल नहीं करने की नीति से जरूरत पड़ने पर हटने का संकेत दे दिया है।
पुरानी नीति में किया गया बदलाव
सूत्रों ने कहा कि गलवन घाटी में हुई बर्बर घटना को देखते हुए भारत ने टकराव की स्थिति में हथियार नहीं इस्तेमाल करने की नीति से हटने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि जल्द ही चीनी सेना को इस फैसले से अवगत कराया जाएगा। भारत सरकार ने अपनी सेनाओं को चीन की किसी भी हरकत पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहने को कहा है। फील्ड कमांडर को परिस्थिति के अनुरूप फैसले लेने का अधिकार दिया गया है।