भारत चीन तनाव के बीच सेना प्रमुख ने कमांडरों से कहा, हाई लेवल ऑपरेशन की करें तैयारी
India China Tension सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कमांडरों को हाई लेवल की आपरेशनल तैयारी करने को कहा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत-चीन तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने फील्ड कमांडरों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार करने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने हाई लेवल की आपरेशनल तैयारी करने को कहा है। चीन के साथ बढ़ रहे तनाव के बीच देश के सबसे बड़े मध्य कमान की सैन्य तैयारियों का जायजा लेने सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शुक्रवार को लखनऊ में थे। उन्होंने लिपुलेख में चीनी सेना की बढ़ी गतिविधियों के साथ ही यूपी व उत्तराखंड से सटी नेपाल की सीमा को लेकर गहन मंथन किया। मध्य कमान की ऑपरेशनल और प्रशासनिक तैयारियों से वह संतुष्ट दिखे। इसके लिए मध्य कमान के फार्मेशन कमांडरों की सराहना भी की।
वहीं, इसके पहले सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे गुरुवार को पूर्वी कमान के दौरे पर थे। सेना की 4-कोर के हेडक्वार्टर तेजपुर पहुंचे थे। अरुणाचल में एलएसी के फॉरवर्ड इलाकों का दौरा और एलएसी पर सुरक्षा हालातों और तैयारियों की जायजा लिया था।
तेजपुर में पूर्वोत्तर से सटी चीनी सीमा की तैयारियों का निरीक्षण करने के बाद जनरल नरवणे सुबह विशेष विमान से लखनऊ पहुंचे थे। मध्य कमान मुख्यालय में सेनाध्यक्ष ने कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से उन्होंने सैन्य तैयारियों पर चर्चा की।
सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री के साथ किया था लेह-लद्दाख का दौरा
बता दें कि पिछले महीने चीन से तनाव के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ लेह का दौरा किया था। रक्षामंत्री लद्दाख दौरे के दौरान स्थानीय सैन्य कमांडरों के साथ एलएसी पर टकराव और सैन्य तैनाती की समीक्षा की थी।
गौरतलब है कि वर्तमान समय में चीन की सेना फिंगर एरिया और पैंगोंग झील के पास कब्जा जमाए हुए है। यहां तैनात सैनिक हटने को तैयार नहीं हैं। चीनी सेना फिंगर 5 इलाके में एक निगरानी चौकी बनाना चाहती है। इसी तरह गोगरा में भी वह अपने पैर जमाए हुए है। चीन ने लद्दाख की तरह हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगे इलाकों में भी अपने सैनिक तैयार कर दिए हैं। हालांकि इन मोर्चो पर सैनिक थोड़ा पीछे के इलाके में हैं। रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि चीन की सेना ने कई स्थानों पर भारतीय भूमि पर कब्जा कर रखा है।