Move to Jagran APP

'घाटी में आतंकियों को मारना हमारा मुख्य मकसद, नागरिकों को परेशान करना नहीं'

कश्मीर में सेना के ऑपरेशन पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि हमारा मकसद आतंकियों का सफाया करना है, नागरिकों को परेशान करना नहीं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 01:24 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 01:32 PM (IST)
'घाटी में आतंकियों को मारना हमारा मुख्य मकसद, नागरिकों को परेशान करना नहीं'
'घाटी में आतंकियों को मारना हमारा मुख्य मकसद, नागरिकों को परेशान करना नहीं'

नई दिल्ली (एएनआइ)। जम्मू-कश्मीर में सेना के सर्च ऑपरेशन पर सवाल खड़े करने वाली रिपोर्ट पर सेना प्रमुख बिपिन रावत का पहली बार बयान सामने आया है। उन्होंने कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर भारतीय सेना को निशाने पर लेने वाली रिपोर्ट को झूठा करार दिया है। सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए सेना बनाए गए कठिन नियमों के तहत ही सर्च ऑपरेशन कर रही है।

loksabha election banner

'मानवाधिकार उल्लंघन पर रिपोर्ट गलत'
बता दें कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। इस पर रावत ने कहा, 'आर्मी कश्मीर में सख्त नियमों के तहत काम कर रही है। हम लोगों को ध्यान में रखकर ऑपरेशन को अंजाम देते हैं। प्रायोजित रिपोर्ट कहती है कि सेना और सुरक्षा बल क्रूरता से ऑपरेशन को अंजाम देते हैं, ये सच नहीं है।'

'हमारा उद्देश्य आतंकियों को मारना है'
कश्मीर में आतंकियों के सफाये के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन पर बात करते हुए रावत ने कहा, 'हमारा मूल उद्देश्य कश्मीर घाटी में मौजूद उन आतंकियों को पकड़ना है, जो यहां हिंसा और अशांति फैला रहे हैं। हमारा मकसद नागरिकों को परेशान करना नहीं है।'

पाकिस्तान को दे रहे मुंहतोड़ जवाब
इस बीच बीएसएफ के डीजी केके शर्मा ने पाकिस्तान द्वारा लगातार संघर्ष विराम के उल्लंघन के मसले पर कहा कि हम मुहंतोड़ जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान हमारा एक दुश्मन पड़ोसी है, जो लगातार परेशानियां खड़ी करता रहता है। वह लगातार आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश करता रहता है और संघर्ष विराम के उल्लंघन में लिप्त रहता है, लेकिन बीएसएफ उसे मुंहतोड़ जवाब देती है।'

गौरतलब है कि घाटी में आतंकियों के सफाये के लिए सेना ने ऑपरेशन ऑल आउट पार्ट-2 शुरू किया है। वहीं, सीमा पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर पाकिस्तानी सेना आतंकियों की घुसैपठ में मदद कर रही है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन की नापाक करतूतों को उजागर किया है।

यूएन रिपोर्ट के मुताबिक इन आतंकी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में पिछले साल बच्चों की भर्ती की और इनका सुरक्षा बलों के साथ झड़प में इस्तेमाल किया। बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की सालाना रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई।

यह भी पढ़ेंः खतरा! दिल्ली समेत तीन राज्यों की लाइफ लाइन को ऐसे डिरेल करेगा अलकायदा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.