सीमा हालात पर एंटनी ने सेनाध्यक्ष से ली रिपोर्ट
सीमा पर लगातार हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों और जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में घुसपैठियों के खिलाफ ऑपरेशन पर उठे सवालों के बीच रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सोमवार को सेना प्रमुख को तलब कर कैफियत मांगी। रक्षा मंत्री ने जनरल बिक्रम सिंह के साथ बैठक में नियंत्रण रेखा के हालात और सैन्य तैयारियों पर भी रिपोर्ट ली।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमा पर लगातार हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों और जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में घुसपैठियों के खिलाफ ऑपरेशन पर उठे सवालों के बीच रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सोमवार को सेना प्रमुख को तलब कर कैफियत मांगी। रक्षा मंत्री ने जनरल बिक्रम सिंह के साथ बैठक में नियंत्रण रेखा के हालात और सैन्य तैयारियों पर भी रिपोर्ट ली।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में चल रही सेना के शीर्ष कमांडरों की बैठक के बीच ही एंटनी के दफ्तर पहुंचे सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने रक्षा मंत्री को नियंत्रण रेखा के मौजूदा हालात और सैन्य रणनीति के बारे में बताया। यह बैठक ऐसे वक्त हुई है जब बीते एक पखवाड़े में पाकिस्तान लगातार सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है और घाटी के हालात खासकर केरन ऑपरेशन को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अपना क्षोभ रक्षा मंत्रालय के आगे जाहिर कर चुके हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों केरन सेक्टर में सेना और कथित घुसपैठियों के बीच 15 दिन चले सैन्य ऑपरेशन पर सवाल उठे हैं। 35-40 घुसपैठियों के खिलाफ चले अभियान में करीब 12 आतंकियों के मारने का दावा किया गया था। हालांकि यहां से एक भी आतंकी का शव बरामद नहीं हुआ। वहीं मामले पर वरिष्ठ सेना अधिकारियों के बयानों और घटना पर दर्ज सेना की एफआइआर में भी विरोधाभासी तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में सेना यूनिटों की ओर से दर्ज प्राथमिकी में किसी आतंकी के मारे जाने का उल्लेख नहीं है। वहीं सेना की ओर से आईं इन दलीलों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आतंकी अपने मारे गए साथियों के शव साथ ले गए। नियंत्रण रेखा पर कंटीली बाड़ के पार भारतीय हद में हुई इस मुठभेड़ के बाद अगर आतंकी शव ले जाने का प्रयास करें तो उन्हें कई किमी लाशों को ढोकर ले जाना पड़ेगा। जनरल बिक्रम सिंह और एंटनी के बीच बैठक 20 मिनट से अधिक चली। सेना के शीर्ष कमांडरों की राजधानी में सोमवार को शुरू हुई पांच दिनी बैठक के दौरान भी सीमा हालात पर मंथन होना है।
संसदीय समिति ने भी पूछे सवाल
इस बीच रक्षा मंत्रालय संबंधी संसदीय समिति ने भी सोमवार को सेना और रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से सीमा पर खतरों और उनसे मुकाबले की तैयारियों पर सवाल-जवाब किए। समिति की साढ़े तीन घंटे से अधिक चली बैठक में शीर्ष सेना अधिकारियों से सांसदों ने संघर्ष विराम उल्लंघन से मुकाबले के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में पूछा।
सूत्रों के मुताबिक तीखे सवालों के बीच कई सांसदों ने इसे पाक की ओर से अघोषित युद्ध बताते हुए सेना को मुकम्मल इंतजाम करने को कहा। सैन्य अधिकारियों ने विस्तृत प्रेजेंटेशन में सीमा पर सुरक्षा इंतजाम चुस्त करने के उपायों की जानकारी दी।
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