जम्मू-कश्मीर में बोले सेना प्रमुख बिपिन रावत- पाकिस्तान शांति चाहता है तो करे पहल, बंद करे हमले
जनरल रावत ने अगले माह शुरू हो रही बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सेना के ऑपरेशन शिवा की रणनीति को भी तय किया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। वादी में आतंकियों के खिलाफ पाक रमजान में एकतरफा संघर्ष विराम के बाद गुरुवार को पहली बार कश्मीर के दौरे पर आए थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने घाटी के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य का वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के साथ जायजा लिया। उन्होंने राष्ट्रविरोधी और आतंकी तत्वों से निपटने के लिए तय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के अनुपालन के निर्देश दिए। जनरल रावत ने अगले माह शुरू हो रही बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सेना के ऑपरेशन शिवा की रणनीति को भी तय किया। अाज जम्मू-कश्मीर में सेना प्रमुख बिपिन रावत अमरनाथ यात्रा का जायजा लेंगे।
गुरुवार सुबह कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के लिए श्रीनगर पहुंचे जनरल बिपिन रावत ने बादामी बाग स्थित सेना की 15वीं कोर के मुख्यालय में चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट समेत वादी में तैनात सभी वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें वादी में रमजान सीजफायर को लागू करने के बाद पैदा हुए हालात से लेकर एलओसी पर घुसपैठ और सरहद पार से होने वाली गोलाबारी के मुद्दों पर चर्चा की।
इस दौरान सेना प्रमुख रावत ने कहा-
-हम सीमा पर शांति चाहते हैं लेकिन जैसा कि आपको पता है कि पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है जिससे काफी जानमाल का नुकसान हुआ है। ऐसे में हमें भी जवाब देना पड़ेगा लेकिन अगर पाकिस्तान शांति चाहता है तो हम उधर से पहल की उम्मीद करते हैं इस कड़ी में पहले उसे हमले बंद करने होंगे।
-अगर भारतीय सेना में किसी भी रैंक का कोई भी कुछ गलत करता है तो यह हमारे संज्ञान में आ जाएगी और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर मेजर गोगोई ने कुछ गलत किया है तो मैं कह सकता हूं कि उन्हें इसकी सजा दी जाएगी, और वो ऐसी सजा होगी कि मिसाल बनेगी।
-हमने लोगों को शांति का वातावरण दिखाने के लिए सैन्य अभियान को रोक दिया है और मुझे लगता है कि लोग इससे खुश हैं। अगर चीजें इसी तरह चलती रही तो NICO (non-initiation of combat operation) पर विचार किया जा सकता है। लेकिन यदि आतंकी गतिविधि जारी रहती है तो हम ये नहीं कर सकते हैं।
बैठक में सैन्य कमांडरों ने उन्हें घुसपैठ से निपटने, आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड नेटवर्क से निपटने की रणनीति से अवगत कराया। जनरल रावत ने बैठक के बाद दक्षिण कश्मीर के अलावा उत्तरी कश्मीर में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों और चौकियों का भी दौरा किया। उन्होंने सफल आतंकरोधी अभियानों के लिए जवानों को बधाई दी।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि जनरल रावत ने राष्ट्रविरोधी तत्वों से निपटने के लिए विभिन्न सैन्य यूनिटों द्वारा अपनाए गए स्टैडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की सराहना करते हुए इसके अनुपालन को यकीनी बनाने के निर्देश भी जारी किए।
उन्होंने अगले माह बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सेना के ऑपरेशन शिवा की रणनीति की समीक्षा करते हुए उसे अंतिम रूप दिया। इसके बाद सैन्य कमांडरों को तीर्थयात्रा को पूरी तरह सुरक्षित व निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ पूरा समन्वय बनाए रखने को भी कहा।
बाबा अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तालमेल से करें काम
उधर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एवं श्राइन बोर्ड के चेयरमैन एनएन वोहरा ने कहा है कि श्री बाबा अमरनाथ यात्रा से जुड़े विभागों व सुरक्षा एजेंसियों को आपसी तालमेल से काम कर इसे सफल बनाना चाहिए। सुरक्षाकर्मी सतर्कता बरतें व बेहतर तालमेल से काम करें।
राजभवन, श्रीनगर में राज्यपाल ने 28 जून से शुरू हो रही यात्रा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में बाबा अमरनाथ यात्रा के प्रबंधों, श्रद्धालुओं की सुविधाओं व सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। सेना व पुलिस अधिकारियों ने राज्यपाल को किए जाने वाले सुरक्षा प्रबंधों की विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में यात्रा के कंट्रोल गेट, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की तैनाती, बचाव दल, अग्निशमन कर्मचारियों की तैनाती, यात्रा मार्ग पर महत्वपूर्ण स्थानों पर एक्सरे स्कैनिंग यूनिट पर विचार विमर्श किया गया। राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न सेवाएं देने वालों का तीन लाख रुपये का बीमा किया जाएगा।