शांति का माहौल बनाने के लिए सीमा पर चौकसी बढ़ाएं : बिपिन रावत
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में शांति, सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाए रखने के लिए सरहदों पर चौकसी मजबूत बनाने पर जोर दिया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में शांति, सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाए रखने के लिए सरहदों पर चौकसी मजबूत बनाने पर जोर दिया। बुधवार को उन्होंने वादी के भीतरी इलाकों में सक्रिय राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ अभियान चलाने और आम लोगों के प्रति सदभावपूर्ण रवैया अपनाने की रणनीति अपनाने को कहा।
जनरल रावत ने स्थानीय युवकों को आतंकी संगठनों से दूर रखने के लिए सैन्य अधिकारियों को विशेष अभियान चलाने और राज्य पुलिस व नागरिक प्रशासन समेत अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल बनाए रखने को कहा। उन्होंने राज्य के भीतरी हिस्सों विशेषकर घाटी के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य और आतंकरोधी अभियानों की रणनीति का उच्चस्तरीय बैठक में जायजा लेते हुए यह निर्देश दिया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि गत मंगलवार से कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आए जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को बादामी बाग सैन्य छावनी में चिनार कोर मुख्यालय में वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के साथ बैठक की। बैठक में उत्तरी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर ¨सह और चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट ने उन्हें कश्मीर के मौजूदा हालात, विभिन्न इलाकों में सक्रिय आतंकियों और उनके खिलाफ अपनाई जा रही रणनीति से अवगत कराया।
उन्होंने जनरल रावत को कश्मीर में सेना की सभी तैयारियों की भी जानकारी दी। चिनार कोर मुख्यालय में सैन्य कमांडरों के साथ बैठक के बाद जनरल रावत ने उत्तरी कमान प्रमुख और चिनार कोर कमांडर संग दक्षिण कश्मीर स्थित सेना के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का भी दौरा किया। इस दौरान संबंधित सैन्य अधिकारियों से उनके कार्याधिकार क्षेत्र में जारी गतिविधियों की जानकारी ली।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जनरल रावत ने श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर में सैन्य कमांडरों के साथ बैठक में आतंकियों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से अभियान चलाने का निर्देश देते हुए स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रॉसीजर (एसओपी) के अनुपालन को यकीनी बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति व सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी जरूरी है। वहीं, भीतरी इलाकों में सक्रिय राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जरूरत है।
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