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अर्जुन सिंह की भतीजी भी छोड़ेंगी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लोकसभा सीटों की घोषणा के साथ ही पार्टी के भीतर का असंतोष बाहर आने लगा है। पार्टी से की बेरुखी के चलते ना सिर्फ पार्टी के नेता बल्कि गांधी परिवार के करीबियों का भी मोहभंग होने लगा है। नेतृत्व से नाराजगी के चलते

By Edited By: Published: Mon, 10 Mar 2014 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 10 Mar 2014 06:42 PM (IST)
अर्जुन सिंह की भतीजी भी छोड़ेंगी कांग्रेस

नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लोकसभा सीटों की घोषणा के साथ ही पार्टी के भीतर का असंतोष बाहर आने लगा है। पार्टी से की बेरुखी के चलते ना सिर्फ पार्टी के नेता बल्कि गांधी परिवार के करीबियों का भी मोहभंग होने लगा है। नेतृत्व से नाराजगी के चलते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने पार्टी से किनारा कर लिया। इसी कड़ी में पार्टी के कद्दावर नेता रहे अर्जुन सिंह की भतीजी वंदना सिंह का नाम भी जुड़ गया है।

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सूत्रों के मुताबिक रीवा की राजकुमारी रहीं वंदना सिंह फतेहपुर में अपनी ननिहाल से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन पार्टी ने वहां से ऊषा मौर्या को टिकट दे दिया। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के इशारे पर पिछले कई सालों से क्षेत्र में तैयारी कर रही वंदना को पार्टी की यह हरकत नागवार गुजरी है। नाराज वंदना ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए संकेत दिए हैं कि वह फतेहपुर से ही चुनावी समर में उतरेंगी। पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी के बड़े नेताओं के भरोसे चुनावी तैयारियों में जुटी वंदना ने पार्टी में हो रहे सर्वे और दूसरी प्रक्रिया को महत्व नहीं दिया और जमीनी नेताओं के फीडबैक ने वंदना का पत्ता साफ कर दिया।

वंदना का कहना है कि पार्टी ने उन्हें टिकट के लिए भरोसा दिया था, जिस पर यकीन करके वह पिछले तीन वर्षो से क्षेत्र में सक्रिय थीं। ऐसे में उनका टिकट काटकर पार्टी ने ना सिर्फ विश्वासघात किया है बल्कि उनका अपमान भी किया है।

दैनिक जागरण से उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने जमीनी हकीकत को अनदेखा किया। साथ ही पिछड़े-अगड़े जैसी समाज तोड़ने वाली भावना के तहत अपनी जिद से मौजूदा प्रत्याशी को टिकट दिलाया, जो कांग्रेस की नीति नहीं है। उनकी नाराजगी की वजह पार्टी द्वारा परिवारिक संबंधों की अनदेखी भी है। वह जल्द ही कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर करने वाली हैं।

कांग्रेस नेता खुद विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं। अतार्किक जातीय आधार पर मधुसूदन मिस्त्री ने अपनी जिद पर फतेहपुर में टिकट घोषित कर बसपा प्रत्याशी नसीमुद्दीन की मदद की है। -वंदना सिंह, स्व. अर्जुन सिंह की भतीजी

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