'क्या लोग पागल हो गए हैं?'
गांधी नगर में पांच वर्षीय बच्ची से गैंगरेप की घटना पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिंता व्यक्त की है। मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन व न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने कहा कि कहीं न कहीं कुछ तो गलत है। अदालत ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या लोग पगला गए हैं? एक पांच साल की मासूम बच्ची से रेप हुआ है। राजधानी मे
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गांधी नगर में पांच वर्षीय बच्ची से गैंगरेप की घटना पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिंता व्यक्त की है। मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन व न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने कहा कि कहीं न कहीं कुछ तो गलत है। अदालत ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या लोग पगला गए हैं? एक पांच साल की मासूम बच्ची से रेप हुआ है।
राजधानी में जागरूकता अभियान की सख्त जरूरत है। अपनी इस टिप्पणी के साथ उच्च न्यायालय ने गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि बताएं कि राजधानी में इन दिनों हो रही ऐसी घटनाओं के पीछे आखिरकार मुख्य कारण क्या है? अदालत ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में एक अलग से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है कि पुलिस अधिकारियों को किस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसे संवेदनशील मामलों में पुलिस का माड्यूल क्या है? अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी। अदालत ने कहा कि हमें यह देखने की जरूरत है कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए। इनके पीछे के मुख्य कारण हमें तलाशने होंगे।
केंद्र और दिल्ली सरकार को सुझाव दिया है कि पड़ोसी राज्यों से राजधानी आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग कराई जाए। अदालत ने कहा कि देखने में आया है कि रेप और गैंगरेप के अधिकांश मामलों में पड़ोसी राज्यों के लोग शामिल हैं। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली में इस प्रकार की घटनाओं से हर कोई दुखी है, फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
हर कोई परेशान है कि आखिरकार दिल्ली में यह हो क्या रहा है। इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं। ज्यादातर आरोपी पड़ोसी राच्यों के हैं। एक पांच साल की बच्ची के साथ इतनी बेरहमी की गई। आखिर कैसे रुकेगा यह सब? न्यायालय ने कहा कि पुलिस अधिकारी इस कदर असंवेदनशील हो गए हैं कि वे एक बच्चे की गुमशुदा होने की शिकायत तक लेने से इंकार कर देते हैं। बाद में उसी बच्चे के परिवार वालों को चुप रहने के लिए रिश्वत देते हैं। पुलिस को प्रशिक्षण के उन क्षेत्रों को चिन्हित करना चाहिए, जिनमें अधिकारियों को गंभीर मामलों के लिए संवेदनशील बनाया जा सके। मौजूदा समय में गंभीर मामलों के प्रति पुलिस के रवैये, जागरुकता और संवेदनशीलता से अदालत सहमत नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह सब बातें वसंत विहार गैंगरेप घटना के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा लापरवाही बरतने संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान कही। इस मामले में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने खुद संज्ञान लिया था। दिल्ली पुलिस की ओर से अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए विशेष ट्रेनिंग का कार्य विचाराधीन है।
वहीं, वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में अदालत ने गृह मंत्रालय को ड्यूटी में कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर की गई विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि दिल्ली पुलिस के पास मौजूदा समय में 550 पीसीआर वैन हैं और उन्हें 370 नई पीसीआर वैन और दी जा रही हैं।
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