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आज हुए ग्वालियर हादसे से पहले भी कई बार बर्निंग ट्रेन बनी है भारतीय रेल

यह पहला मौका नहीं है कि जब भारतीय रेल किसी हादसे का शिकार हुई हो। इससे पहले भी कई बार इस तरह के मंजर सामने आए हैं। आइये इन हादसों पर एक नजर डालते हैं:-

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 02:22 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 06:37 PM (IST)
आज हुए ग्वालियर हादसे से पहले भी कई बार बर्निंग ट्रेन बनी है भारतीय रेल
आज हुए ग्वालियर हादसे से पहले भी कई बार बर्निंग ट्रेन बनी है भारतीय रेल

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। ग्वालियर में एक बार फिर से ट्रेन हादसे का शिकार हो गई। ग्‍वालियर में बिरला पुल के पास अचानक आंध्र प्रदेश एक्सप्रेस की चार बोगियों में आग लग गई। इसकी वजह से वहां पर हड़कंप मच गया। रेलवे अधिकारियों ने आग की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया है। यह आग इतनी तेजी से फैली की इसमें सवार कर रहे यात्रियों के पास अपना सामान निकालने का भी समय नहीं मिल सका। हालांकि इसमें किसी यात्री के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन ट्रेन के दो कोच भी पूरी तरह जल गए हैं। यह पहला मौका नहीं है कि जब भारतीय रेल किसी हादसे का शिकार हुई हो। इससे पहले भी कई बार इस तरह के मंजर सामने आए हैं जब ट्रेन बर्निंग ट्रेन बन गई। आइये इन हादसों पर एक नजर डालते हैं:-

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कब कब बनीं बर्निंग ट्रेन

28 दिसंबर 2013: बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई थी और इसमें 26 लोग मारे गए थे। आग एयर कंडिशन कोच में लगी थी।

30 जुलाई 2012: दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई थी जिसमें 30 से ज्यानदा लोग मारे गए थे।

अगस्त 2008: सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लग गई थी। इसके कारण 32 लोग मारे गए थे।

15 मई, 2003: पंजाब में लुधियाना के नजदीक फ्रंटियर मेल मेल में आग लगने से 38 लोगों की मौत हो गई थी।

16 अप्रैल, 1990: पटना के पास रेल में आग लगने से 70 लोगों की मौत हो गई थी।

23 फरवरी, 1985: राजनांदगाँव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगने से इसमें सवार 50 लोगों की मौत हो गई थी।

कब-कब बेपटरी हुई ट्रेन

19 अगस्‍त 2017: उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर जिले के खतौली में हुए रेल हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से हुआ था।

22 जनवरी 2017: आंध्रप्रदेश के विजयनगरम जिले में हीराखंड एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से करीब 39 लोग मारे गए थे।

20 नवंबर 2016: कानपुर के पास पुखरायां में एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसमें कम से कम 150 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई थी।

20 मार्च, 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे।

4 मई, 2014: दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन नागोठाने और रोहा स्टेशन के बीच पटरी से उतर गई थी। इसमें 20 लोगों की जान गई थी और 100 अन्य घायल हुए थे।

19 अगस्त 2013: राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से बिहार के खगड़िया जिले में 28 लोगों की जान चली गई थी।

7 जुलाई 2011: उत्तर प्रदेश में ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई थी।

20 सितंबर 2010: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस टक्कर में 33 लोगों की जान चली गई और 160 से अधिक लोग घायल हुए थे।

19 जुलाई 2010: पश्चिम बंगाल में उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस की टक्कर हो गई थी, जिसमें 62 लोगों की मौत हो गई थी और डेढ़ सौ से अधिक लोग घायल हुए थे।

28 मई, 2010: पश्चिम बंगाल में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 170 लोगों की मौत हो गई थी।

21 अक्तूबर, 2009: उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की बोगी से टकरा गया था। इस घटना में 22 मारे गए जबकि 23 अन्य घायल हो गए थे।

14 फरवरी 2009: हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे ओडिशा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए थे। हादसे में 16 की मौत हो गई और 50 घायल हो गए थे।

21 अप्रैल 2005: गुजरात में वडोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 78 अन्य घायल हो गए थे।

फरवरी 2005: महाराष्ट्र में एक रेलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी और इतने ही घायल हुए थे।

जून, 2003: महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में 51 लोग मारे गए थे और अनेक घायल हुए थे। 

2 जुलाई, 2003: आंध्र प्रदेश में हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूर वारंगल में गोलकुंडा एक्सप्रेस के दो डिब्बे और इंजन एक ओवरब्रिज से नीचे सड़क पर जा गिरे थे। इस दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो गई थी।

9 सितंबर,2002: हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमें 120 लोग मारे गए थे।

22 जून, 2001: मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।

31 मई, 2001: उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई जिसमें 31 लोगों की मौत हो गई थी।

2 दिसंबर, 2000: कोलकाता से अमृतसर जा रही हावड़ा मेल दिल्ली जा रही एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में 44 लोगों की मौत हो गई थी।

3 अगस्त, 1999: दिल्ली जा रही ब्रह्पुत्र मेल और अवध-असम एक्सप्रेस की टक्‍कर में 285 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में 312 लोग घायल हुए थे।

26 नवंबर, 1998: फ्रंटियर मेल सियालदाह एक्सप्रेस से खन्ना, पंजाब में टकरा गई थी। इसमें 108 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 120 लोग घायल हो गए थे।

14 सितंबर,1997: अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में एक नदी में जा गिरी थी। इस हादसे में 81 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 लोग घायल हो गए थे।

18 अप्रैल, 1996: एर्नाकुलम एक्सप्रेस दक्षिण केरल में एक बस से टकरा गई थी। इसमें 35 लोगों की मौत हो गई थी और 50 लोग घायल हो गए थे।

20 अगस्त, 1995: नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से फिरोजाबाद में जा टकरा गई थी, जिसमें 250 लोगों की मौत हो गई थी।

21 दिसंबर,1993: कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से राजस्थान में टकराने 71 लोगों की मौत हो गई थी।

6 जून,1981: बिहार में तूफान के कारण ट्रेन नदी में जा गिरी थी जिसमें 800 लोगों की मौत और 1000 से अधिक घायल हो गए थे।

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