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स्टैटिक सेंसर से होगी सागर तट की निगरानी

भारत की 7500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की निगरानी अब इलेक्ट्रॉनिक आंखों अर्थात स्टैटिक सेंसर से होगी। महाराष्ट्र एवं गुजरात से इसके प्रथम चरण की शुरुआत शनिवार को मुंबई में रक्षामंत्री एके एंटोनी ने की।

By Edited By: Published: Sat, 25 Aug 2012 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2012 10:11 PM (IST)
स्टैटिक सेंसर से होगी सागर तट की निगरानी

मुंबई [जासं]। भारत की 7500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की निगरानी अब इलेक्ट्रॉनिक आंखों अर्थात स्टैटिक सेंसर से होगी। महाराष्ट्र एवं गुजरात से इसके प्रथम चरण की शुरुआत शनिवार को मुंबई में रक्षामंत्री एके एंटोनी ने की।

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इस अवसर पर प्रेस से बात करते हुए एंटोनी ने कहा कि भारत में 7,500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की निगरानी एक मुश्किल लक्ष्य है। जैसा कि26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले में देखा गया, मछली पकड़ने वाली एक सामान्य नौका का उपयोग करके भी इतने बड़े हमले को अंजाम दिया जा सकता है। इसके बावजूद हमें यह चुनौती स्वीकार करनी होगी। इसलिए 26/11 के हमले केबाद केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर ऐसे कई उपायों पर विचार किया है, जिनसे सुरक्षा में होने वाली खामियों को दूर किया जा सके। इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों की ताकत बढ़ाने वाले उपाय किए जा रहे हैं। एंटोनी के अनुसार अपने सुरक्षा बलों को पर्याप्त कानूनी समर्थन देने के लिए हमें अंतरराष्ट्रीय कानूनों में बदलाव के प्रयास भी करने होंगे।

गौरतलब है कि सागर तट की अनवरत निगरानी केलिए स्टैटिक सेंसर लगाने का निर्णय सुरक्षा संबंधी विषयों पर विचार के लिए बने मंत्रियों के समूह द्वारा लिया गया था। भारतीय तटरक्षक बल [कोस्टगार्ड] की निगरानी में पूरी होने वाली इस परियोजना पर कुल 600 करोड़ रुपयों का खर्च आने की उम्मीद है। रक्षामंत्री के अनुसार गुजरात एवं महाराष्ट्र से जुड़े सागर तट की संवेदनशीलता को देखते हुए स्टैटिक सेंसर लगाने की शुरुआत इस क्षेत्र से की गई है। ये सेंसर लगाने का काम बेंगलूर की कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि.[बीईएल] को सौंपा गया है। फिलहाल तारापुर, कोरलाई, तोलकेश्वर एवं देवगढ़ में बने केंद्रों पर ये सेंसर काम शुरू कर चुके हैं। पहले चरण में इस प्रकार के 46 केंद्र स्थापित करने की योजना है। ये केंद्र या तो पहले से बने लाइट हाउसों पर स्थापित किए जाएंगे, अथवा इन्हें लगाने के लिए नए टावर बनाए जाएंगे।

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