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मोदी विरोधी भाजपाइयों को अब भी पीएम पद की उम्मीद

भाजपा के निलंबित सांसद राम जेठमलानी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की निंदा करने वाले भाजपा नेताओं की तीव्र आलोचना करते हुए कहा है कि जो उनकी आलोचना कर रहे हैं वे प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा पर काबू नहीं रख पा रहे हैं।

By Edited By: Published: Fri, 26 Jul 2013 10:04 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2013 12:37 AM (IST)
मोदी विरोधी भाजपाइयों को अब भी पीएम पद की उम्मीद

नई दिल्ली। भाजपा के निलंबित सांसद राम जेठमलानी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की निंदा करने वाले भाजपा नेताओं की तीव्र आलोचना करते हुए कहा है कि जो उनकी आलोचना कर रहे हैं वे प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा पर काबू नहीं रख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी विरोधी जो चाहें कर सकते हैं लेकिन अब मोदी लोगों के दिलों में बसते हैं। उनका कुछ नहीं बिगड़ने वाला है।

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मोदी का विरोध करने वाले भाजपाइयों के बारे में प्रतिक्रिया मांगने पर उन्होंने कहा, 'भाजपा में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो अब भी प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा का पोषण कर रहे हैं। ऐसे लोगों को अब तक अपनी इच्छा पर काबू पा लेना चाहिए था लेकिन वे पाले हुए हैं।'

भाजपा नेतृत्व की आलोचना और तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ बगावत को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता जेठमलानी को मई में पार्टी से छह वर्षो के लिए निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के दिल में मोदी का एक स्थान है। भाजपा चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मोदी को अपनी पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के विरोध का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2009 के संसदीय चुनाव में आडवाणी राजग की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। वे मोदी के खिलाफ असंतुष्टों की आवाज बन गए।

जेठमलानी ने कहा कि सांसदों के एक समूह द्वारा मोदी को वीजा नहीं देने के लिए पत्र लिखने के प्रयास का गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रशिक्षण निदेशालय में 'स्टेट ऑफ क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम इन इंडिया' विषय पर व्याख्यान देने के बाद वह संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे। नोबेल पुरस्कार विजेता अम‌र्त्य सेन के यह कहने पर कि वह मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनते नहीं देखना चाहते, जेठमलानी ने कहा कि सेन केवल अपनी अभिव्यक्ति के अधिकार का उपयोग कर रहे हैं। यहां लोकतंत्र है। उनके अपने अधिकार हैं। विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है कि आप किसे पसंद करते हैं और किसे नहीं इस बारे में बोलने का आपको हक है। ज्ञातव्य है कि सेन ने कहा था कि वह मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनते नहीं देखना चाहते क्योंकि उनके पास धर्मनिरपेक्षता का प्रमाण-पत्र नहीं है।

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