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बीएसएफ के बेड़े में शामिल होंगे एंटी ड्रोन सिस्टम, नई तकनीकि से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देगी भारतीय सेना

सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बेड़े को अत्याधुनिक बनाने की मुहिम के तहत खरीदे जा रहे 10 एंटी ड्रोन सिस्टम में से पांच को जम्मू में स्थापित करने की योजना है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:50 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 11:49 AM (IST)
बीएसएफ के बेड़े में शामिल होंगे एंटी ड्रोन सिस्टम, नई तकनीकि से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देगी भारतीय सेना
बीएसएफ के बेड़े में शामिल होंगे एंटी ड्रोन सिस्टम, नई तकनीकि से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देगी भारतीय सेना

राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को शह देने के लिए नित नए मंसूबे रच रहे पाकिस्तान को नई तकनीक से मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी है। पंजाब की तरह जम्मू-कश्मीर में भी पाक ने ड्रोन की मदद से नापाक हरकत की तो उसे एंटी ड्रोन तकनीक से तुरंत नाकाम बना दिया जाएगा।

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सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बेड़े को अत्याधुनिक बनाने की मुहिम के तहत खरीदे जा रहे 10 एंटी ड्रोन सिस्टम में से पांच को जम्मू में स्थापित करने की योजना है। एंटी ड्रोन सिस्टम को ड्रोन कैचर भी कहा जाता है। इस तकनीक की सहायता से दो किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के ड्रोन का सिग्नल जाम कर उसे गिराया जा सकता है। एंटी ड्रोन सिस्टम महज पांच सेकेंड के अंदर यह कार्रवाई करने की क्षमता रखता है। रडार युक्त यह सिस्टम आसानी से कहीं भी मूव हो सकता है। ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ान भरता है, ऐसे में वायुसेना के बड़े रडार के मुकाबले एंटी ड्रोन सिस्टम का रडार इसे आसानी से पकड़ सकता है।

भारतीय कंपनी से खरीदने की प्रक्रिया निर्णायक दौर में

पंजाब में आतंकवाद को शह देने के लिए पाकिस्तान के ड्रोन का इस्तेमाल करने के बाद गत वर्ष अक्टूबर में गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल को एंटी ड्रोन तकनीक खरीदने के निर्देश दिए थे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस नई तकनीक को एक भारतीय कंपनी से खरीदने की प्रक्रिया निर्णायक दौर में है। यह तकनीक मिलने के बाद इसे पंजाब के पठानकोट से सटे जम्मू संभाग के कठुआ के अलावा सांबा, जम्मू व अखनूर के संवेदनशील हिस्सों में लगाया जा सकता है। वहीं, पांच एंटी ड्रोन सिस्टम पंजाब में लगेंगे।

कार्रवाई के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर, सेंसर्स व जैमर लगे होंगे

विदेशी तकनीक के आधार पर बनाए गए एंटी ड्रोन सिस्टम में दुश्मन के ड्रोन को अपने इलाकों में आने से पहले कार्रवाई के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर, सेंसर्स और जैमर होंगे। इसके रडार तेज गति से 360 डिग्री के एंगल पर घूमते हुए सटीक जानकारी देगा कि हवा में दुश्मन के ड्रोन कितनी दूरी व ऊंचाई पर है। सिस्टम में हाई डेफिनेशन कैमरे भी होंगे, जो दिन और रात में दूर तक देखने में सक्षम होंगे। सिस्टम की असली ताकत इसके जैमर में है, जो रडार की सूचना के आधार पर सटीक प्रहार करते हुए दो किलोमीटर की दूरी से इसका सिग्नल जाम कर देगा। ग्राउंड से ड्रोन का संपर्क टूटते ही वह अनियंत्रित होकर गिर जाएगा।


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