यलगार परिषद मामला NIA को देने के लिए एक और अर्जी
पुणे में यलगार परिषद से शहरी नक्सलियों के जुड़े होने के मामले की जांच NIA को सौंपने की मांग करते हुए बॉम्बे HC में एक और याचिका दाखिल की गई।
मुंबई (राज्य ब्यूरो)। पुणे में यलगार परिषद से शहरी नक्सलियों के जुड़े होने के मामले की जांच एनआइए को सौंपने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में मंगलवार को एक और याचिका दाखिल की गई। याचिका में पिछले शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर मामले की जानकारी मीडिया को देने वाले राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) परमबीर सिंह पर कार्रवाई की मांग भी की गई है। इससे पहले सोमवार को भी हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी, जिसमें यलगार परिषद से माओवादियों के जुड़े होने की जांच एनआइए को सौंपने की मांग की गई है। इस पर सात सितंबर को सुनवाई होगी।
मंगलवार को संजय रमेश भालेराव ने अपने वकील के जरिये अर्जी दायर की। इसमें दावा किया गया है कि पुणे पुलिस शुक्रवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक नई मनगढ़ंत कहानी के साथ सामने आई कि भीमा-कोरेगांव में दंगे इसलिए हुए क्योंकि इसके एक दिन पहले शनिवारवाड़ा पर यलगार परिषद की बैठक हुई थी।
याचिका में कहा गया है कि सामान्यतया एनआइए किसी राज्य के कहने पर किसी मामले की जांच हाथ में लेती है, लेकिन किसी महत्वपूर्ण मामले की जांच वह स्वत: संज्ञान लेकर भी कर सकती है। इसलिए यह उचित होगा कि निष्पक्ष एवं सही जांच के लिए मामले की जांच एनआइए को सौंपा जाए। हालांकि अभी इस याचिका पर सुनवाई की तिथि तय नहीं की गई है।
बता दें कि पिछले सप्ताह ही पुणे पुलिस ने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं वरवर राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वर्नन गोंजाल्विस एवं अरुण परेरा को गिरफ्तार किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन सभी को फिलहाल उनके घरों में ही नजरबंद रखा गया है।
भीमा-कोरेगांव का शिकायतकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
पांच कथित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से जुड़े मामले में इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर रखी है। इस संबंध में भीमा-कोरेगांव के शिकायतकर्ता और पुणे के तुषार दमगुडे ने स्वयं को भी पक्षकार बनाने की मांग की है। बता दें कि इन्हीं की शिकायत पर दर्ज रिपोर्ट के आधार पर पांचों संदिग्धों की गिरफ्तारी की गई थी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका पर छह सितंबर को थापर की अर्जी के साथ सुनवाई की बात कही है।