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सालाना 50 लाख तक सेलरी वाले 'सहज' से भरें आयकर रिटर्न

सालाना पांच लाख रुपये तक आय वाले व्यक्तिगत करदाता ऑनलाइन की जगह पेपर रिटर्न ही दाखिल कर सकेंगे।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 05 Apr 2018 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 10:51 PM (IST)
सालाना 50 लाख तक सेलरी वाले 'सहज' से भरें आयकर रिटर्न
सालाना 50 लाख तक सेलरी वाले 'सहज' से भरें आयकर रिटर्न

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फार्म अधिसूचित कर दिए हैं। सालाना 50 लाख रुपये तक सेलरी वाले व्यक्तिगत करदाता एक पेज का आईटीआर-1 'सहज' फार्म भरकर अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। खास बात यह है कि करदाताओं को नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में जमा की गयी धनराशि का ब्यौरा इस बार आयकर रिटर्न में नहीं देना पड़ेगा। आयकर विभाग ने यह जानकारी मांगने वाला कॉलम रिटर्न से हटा दिया है। वहीं सालाना पांच लाख रुपये तक आय वाले व्यक्तिगत करदाता ऑनलाइन की जगह पेपर रिटर्न ही दाखिल कर सकेंगे।

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आयकर विभाग के मुताबिक जिन व्यक्तिगत करदाताओं की सालाना आय 50 लाख रुपये तक है और जो सेलरी, एक मकान या ब्याज के जरिए आय प्राप्त कर रहे हैं, वे एक पेज का 'सहज' फार्म भरकर असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। साथ ही करदाताओं को सेलरी से आय के साथ-साथ करयोग्य भत्तों, अतिरिक्त सुविधाओं का भी ब्यौरा देना होगा। साथ ही उन्हें मकान से आय के बारे में यह बताना होगा कि उन्हें इससे कितना किराया मिला और इस संपत्ति पर स्थानीय अथॉरिटी को कितना टैक्स चुकाया। साथ ही मकान खरीदने के लिए उधार ली गयी रकम पर चुकाए जाने वाले ब्याज का ब्यौरा भी इसमें देना होगा।

विभाग के मुताबिक पिछले साल 3 करोड़ करदाताओं ने 'सहज' फार्म का इस्तेमाल कर रिटर्न दाखिल किया था। हालांकि इसमें सेलरी व मकान संपत्ति से आय का ब्यौरा देना अनिवार्य होगा।

आयकर विभाग ने एक अन्य रिटर्न फार्म आइटीआर-2 भी अधिसूचित किया है जिसे ऐसे व्यक्तिगत करदाता दाखिल कर सकते हैं जिनकी आय किसी व्यवसाय या पेशे से नहीं है। वहीं व्यवसाय करने वाले करदाता व पेशेवर आइटीआर फार्म -3 या आइटीआर फार्म -4 (सुगम) (प्रिज्युम्टिव यानी अनुमानित आय के मामले में) भर सकेंगे।

पिछले साल की तरह इस साल भी आयकर रिटर्न ऑनलाइन दाखिल होंगे लेकिन आयकर विभाग ने दो श्रेणी के करदाताओं को ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता से छूट भी प्रदान की है। मसलन, 80 वर्ष या इससे अधिक उम्र के व्यक्तिगत करदाता ऑनलाइन के बजाय पेपर रिटर्न ही दाखिल कर सकेंगे। इसी तरह जिन व्यक्तिगत करदाताओं की सालाना आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है वे भी पेपर रिटर्न भर सकेंगे लेकिन इसकी शर्त यह है कि वे रिफंड के लिए दावा नहीं कर पाएंगे।

इस बार आयकर रिटर्न फार्म में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। मसलन, नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा की गयी नकदी का ब्यौरा अब करदाताओं को नहीं देना होगा। आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2017-18 के फार्म में यह कॉलम रखा था लेकिन असेसमेंट ईयर 2018-19 के फार्म से इसे हटा दिया गया है। इसी तरह अनिवासी करदाताओं को अपने एक विदेशी बैंक खाते का ब्यौरा भी देना होगा ताकि रिफंड की राशि उनके खाते में भेजी जा सके।

क्या होता है असेसमेंट ईयर?

दरअसल कोई व्यक्ति या कंपनी जिस साल आय अर्जित करती है, उसका असेसमेंट आयकर विभाग अगले साल करता है जिसे असेसमेंट ईयर (आकलन वर्ष) कहते हैं। मसलन वित्त वर्ष 2017-18 में आपको जो आय हुई है उसका असेसमेंट 2018-19 में किया जाएगा। असेसमेंट ईयर भी वित्त वर्ष की तरह एक अप्रैल से शुरु होकर अगले साल 31 मार्च तक चलता है। इस तरह एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 के दौरान अर्जित आय के लिए करदाताओं को असेसमेंट ईयर 2018-19 में आयकर रिटर्न भरना होगा। आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि आम तौर पर 31 जुलाई होती है।


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