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ध्वंस की बरसी पर निर्माण की अंगड़ाई ले रही रामनगरी

सुप्रीम कोर्ट में मंदिर-मस्जिद विवाद की सुनवाई शुरू कराकर सरकार ने तय प्रयास भी किया, जो कि नाकाफी साबित हो रहा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 01:00 AM (IST)
ध्वंस की बरसी पर निर्माण की अंगड़ाई ले रही रामनगरी
ध्वंस की बरसी पर निर्माण की अंगड़ाई ले रही रामनगरी

रघुवरशरण, अयोध्या। रामनगरी विवादित ढांचा ध्वंस की बरसी पर मंदिर निर्माण की अंगड़ाई ले रही है। वह छह दिसंबर की ही तारीख थी, जब 26 वर्ष पूर्व रामनगरी ढांचा ध्वंस की साक्षी बनी। इस मकसद से कि जिस स्थल पर रामलला विराजमान हैं, उस पर मस्जिद की बजाय मंदिर का निर्माण किया जाएगा। बीच-बीच में यह नारा अवश्य कौंधता रहा कि जिस ताकत से ध्वंस किया गया, उसी ताकत से निर्माण भी होगा।

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यह ताकत 1998 से 2004 के बीच केंद्र में एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी की ताजपोशी के तौर पर दिखी। लेकिन पूर्ण बहुमत की कमी बाधा बनी। इसके बाद केंद्र में भाजपा की वापसी में भले ही पूरे एक दशक लग गए पर 2014 में जो सरकार आई वह अकेले भाजपा के बूते भी सत्ता में रहने की हकदार बनी। इसी के साथ ही मंदिर निर्माण का विश्वास जगा।

यह विश्वास फलीभूत होने का इंतजार करते पांच साल बीतने को हैं और अब यह समीकरण स्पष्ट है कि यदि अभी मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो भविष्य में पुन: ऐसा अवसर मिले इसकी कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में मंदिर समर्थकों की पूरी ऊर्जा सरकार पर दबाव बनाने में खर्च हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में मंदिर-मस्जिद विवाद की सुनवाई शुरू कराकर सरकार ने तय प्रयास भी किया, जो कि नाकाफी साबित हो रहा है। ऐसे में एक स्वर से यह मांग हो रही है कि सरकार कानून बनाकर मंदिर का निर्माण कराए।

मंदिर समर्थकों ने सरकार को चेताया
गत नवंबर की 25 तारीख को विहिप ने धर्मसभा में लाखों मंदिर समर्थकों को जुटाकर सरकार को अपनी आकांक्षा से अवगत करा दिया है। धर्मसभा में वक्ताओं ने स्पष्ट कर दिया कि यदि केंद्र की भाजपा सरकार ने मंदिर का निर्माण नहीं कराया तो आने वाले दिनों में मंदिर समर्थकों को साधे रखना उसके लिए टेढ़ी खीर साबित होगी।

शिवसेना भी बेकरार
राममंदिर के लिए बेकरारी बयां करने में केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी पीछे नहीं रही। गत नवंबर की 24 तारीख को समर्थकों के हुजूम के साथ अयोध्या पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नारा दिया, हर ¨हदू की यही पुकार-पहले मंदिर फिर सरकार।


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