Move to Jagran APP

अन्ना और कांग्रेस में सहमति तो नहीं!

अपने गांव रालेगणसिद्धि में जनलोकपाल विधेयक पास कराने के लिए अन्ना हजारे का अनशन शुरू करना और उधर संसदीय कार्यमंत्री नारायणसामी का इसी सत्र में लोकपाल विधेयक पास करने का आश्वासन देना कहीं सुनियोजित तो नहीं है? अगस्त, 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन के दौरान केंद्र सरकार एवं कांग्रे

By Edited By: Published: Tue, 10 Dec 2013 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2013 10:40 PM (IST)
अन्ना और कांग्रेस में सहमति तो नहीं!

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। अपने गांव रालेगणसिद्धि में जनलोकपाल विधेयक पास कराने के लिए अन्ना हजारे का अनशन शुरू करना और उधर संसदीय कार्यमंत्री नारायणसामी का इसी सत्र में लोकपाल विधेयक पास करने का आश्वासन देना कहीं सुनियोजित तो नहीं है?

loksabha election banner

अगस्त, 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन के दौरान केंद्र सरकार एवं कांग्रेस के नेताओं ने लंबे समय तक उनके आंदोलन को कोई महत्व नहीं दिया था। अनशन लंबा खिंचने पर वायदा किया भी, तो उसे अब तक पूरा नहीं किया गया। लेकिन इस बार अन्ना द्वारा मंगलवार से अनशन पर बैठने से करीब एक सप्ताह पहले ही संसदीय कार्यमंत्री वी. नारायणसामी का पत्र उन्हें प्राप्त हो गया था। इस पत्र में नारायणसामी ने अन्ना को शीतकालीन सत्र में ही लोकपाल विधेयक पास कराने का आश्वासन दिया था। नारायणसामी का यह पत्र मिलने की जानकारी स्वयं अन्ना पत्रकारों को दे चुके हैं। यहीं नहीं, सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस लोकपाल विधेयक पर अन्ना से सामंजस्य बैठाने को लेकर दूसरे चैनलों के जरिये भी प्रयास करती रही है। बताया जाता है कि इन्हीं प्रयासों के तहत केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की एक गुप्त बैठक भी अन्ना हजारे के साथ हो चुकी है। यह बैठक पुणे-नासिक रोड पर स्थित औद्योगिक कस्बे चाकण में हुई थी। सूत्रों के अनुसार अन्ना इस कस्बे में स्थित एक उद्योगपति के विश्रामगृह में रुके थे। सलमान खुर्शीद ने वहीं जाकर उनसे मुलाकात की थी।

इस बार अन्ना हजारे के अनशन में कई बदलाव भी देखे जा रहे हैं। नेता बन चुके अपने पुराने साथी अरविंद केजरीवाल सहित सभी राजनीतिक दलों को तो उन्होंने अपने मंच से दूर रहने की चेतावनी दे ही दी है, किरण बेदी सहित टीम अन्ना के कई गैरराजनीतिक चेहरे भी इस बार अन्ना के अनशन से दूर दिखाई दे रहे हैं। इससे इस चर्चा को बल मिल रहा है कि कांग्रेस और अन्ना के बीच लोकपाल विधेयक पास किए जाने को लेकर कोई सहमति पहले ही बन चुकी है। इस रणनीति के तहत कुछ दिन अन्ना का अनशन चलने के बाद चालू सत्र में ही लोकपाल विधेयक पास करके अन्ना का अनशन तुड़वा दिया जाएगा। इससे न सिर्फ अन्ना की बात रह जाएगी, बल्कि संसद में लोकपाल विधेयक पास होने का श्रेय भी कांग्रेसनीत संप्रग सरकार को मिल जाएगा।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.