आंध्र प्रदेश : दवा के रिएक्शन ने ली तीन मरीजों की जान, मौत के डर से भागा एक मरीज
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में ऐंटीबायॉटिक दवा 'सेफ्ट्रीएक्सोन' देने के बाद तीन मरीजों की मौत।
श्रीकाकुलम (एएनआइ)। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में ऐंटीबायॉटिक दवा 'सेफ्ट्रीएक्सोन' देने के बाद तीन मरीजों की मौत हो गई, जबकि सात मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, 51 वर्षीय दुर्गाम्मा को गंभीर हालात में 'रिम्स' से विशाखापत्तनम में किंग जॉर्ज हॉस्पिटल (केजीएच) में भर्ती कराया गया था, लेकिन शनिवार देर रात इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। वहीं, ड्रग इंजेक्शन के रिएक्शन के चलते तीन लोगों की मौत के कारण रिम्स में मरीजों के बीच हड़कंप मच गया है।
दरअसल, तीन मरीजों को गंभीर हालात में केजीएच रेफर किया गया था, जिसमें दो की शुक्रवार को मौत हो गई। शनिवार को तीन अन्य मरीजों को भी केजीएच भेजा गया, जिसमें एक की मृत्यु हो गई। मृतक की पहचान एत्सहेरला मंगल के कुप्पीली गांव के निवासी वडाडा दुर्गाम्मा (51) के रूप में की गई। रिम्स के निदेशक कृष्णा वेनी के अनुसार, केजीएच में इलाज के दौरान दुर्गाम्मा की मृत्यु शनिवार को करीब 10 बजे हुई थी।
इस बीच केजीएच रेफर किया गया एक मरीज अन्य की मौत की खबर सुनते ही अस्पताल से भाग गया। टी गरिकम्मा (60) को शनिवार को अन्य दो मरीजों के साथ केजीएच रेफर किया गया था। गरिकम्मा के वापस गांव लौट जाने की सूचना मिलने पर रिम्स के अधिकारियों ने उन्हें दोबारा यहां अपना इलाज जारी रखने के लिए मना लिया।
उच्च अधिकारियों के निर्देशों के बाद ड्रग रिएक्शन वाले सभी पीड़ित मरीजों को आइसीयू में शिफ्ट कर दिया है। जबकि अनिता, दुर्गाम्मा और सेलाजा की मृत्यु हो गई। हालांकि डी संतम्मा (35), पी कस्तुरु (20) और वेगोती कुरुपम्मा का केजीएच में इलाज चल रहा है। शेष 13 मरीजों को रिम्स के आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और स्वास्थ्य के प्रधान सचिव के निर्देशों के बाद, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय और ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारी रविवार को रिम्स अस्पताल पहुंचे। डीएमइ निदेशक (पीएमयू) डॉ. एन सुब्बा राव और दवा नियंत्रण संयुक्त निदेशक पी. विजया कुमार ने रिम्स अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की और स्थिति का जायजा लिया।
रिम्स में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सुब्बा राव ने कहा कि नमूने कोलकाता में अनुसंधान प्रयोगशाला में पहले से ही भेजे जा चुके हैं और इसके बारे में दिल्ली के फार्माकोलॉजी सतर्कता अधिकारियों को भी सूचित किया गया है। दवा का ब्योरा देते हुए, उन्होंने कहा कि 'सेफ्ट्रीएक्सोन' पेनिसिलिन समूह का सबसे पसंदीदा एंटीबायोटिक है। 'सेफ्ट्रीएक्सोन' में हल्का रिएक्शन देने के गुण भी हैं, हालांकि दुर्लभ मामलों में यह संभव है। पिछले साल सितंबर में तिरुपति के रुईया अस्पताल के बाल चिकित्सा वार्ड में 'सेफ्ट्रीएक्सोन' दवा के रिएक्शन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सौभाग्य से सभी मरीज ठीक हैं। उन्होंने कहा कि रिम्स का यह केस पूरी तरह से अलग है। जांच की आवश्यकता है। इस दौरान डॉ. बीएलएन प्रसाद, डॉ. कृष्ण वेनी और अन्य उपस्थित थे।