दोनों सदन स्थगित होने के साथ मानसून सत्र पूरा, जानिए- क्या रहा खास
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि मॉनसून सत्र अच्छा रहा। लोकसभा में 15 और राज्यसभा में 14 बिल पास हुए।
नई दिल्ली। मानसून सत्र खत्म हो गया। संसद के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गए। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि यह सत्र अच्छा रहा। लोकसभा में 15 और राज्यसभा में 14 बिल पास हुए।
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि संसद में रोज विशिष्ट मामलों पर बातचीत की गई। मैं दोहराना चाहता हूं कि दलितों की सुरक्षा के मुद्दे को प्राथमिकता दी जाती है।
इस मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक का पारित होना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही और सदन की 20 बैठकों में 121 घंटे कामकाज हुआ तथा जीएसटी समेत 13 विधेयक पारित हुए।
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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा से पूर्व मानसून सत्र में संपन्न कामकाज की जानकारी सदन के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि 16वीं लोकसभा का 9वां सत्र 18 जुलाई 2016 को शुरू हुआ और एक वर्तमान एवं कुछ पूर्व सांसदों के निधन पर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कुछ महत्वपूर्ण विधायी एवं वित्तीय कामकाज को पूरा किया गया। इस दौरान 2016-17 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों एवं संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया जिस पर 4 घंटे 53 मिनट चर्चा हुई।
अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 14 सरकारी विधेयक पेश किये गए और 13 विधेयक पारित हुए जिनमें भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक 2016, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक 2016, बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016, बेनामी लेनदेन रोकथाम विधेयक 2015, रिण वसूल से संबंधित संशोधन विधेयक, कर्मचारी मुआवजा संशोधन विधेयक, कराधान संशोधन विधेयक और कारखाना संशोधन विधेयक 2016 शामिल हैं।
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अध्यक्ष ने बताया कि सदन ने राज्यसभा की ओर से जीएसटी से संबंधित 122वें संविधान संशोधन विधेयक में किये गए संशोधनों को पारित किया और राज्यसभा के संशोधनों पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 400 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध थे जिसमें से 99 प्रश्नों के मौखित उत्तर दिये गए। यह प्रतिदिन के हिसाब से 4.95 प्रश्न होते हैं। शेष तारांकित प्रश्नों एवं 4600 अतारांकित प्रश्नों के लिखित उत्तर सभापटल पर रखे गए।
सत्र के अंतिम दिन सदन ने कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया और वहां लंबे समय से जारी कर्फ्यू, हिंसा तथा लोगों के मारे जाने पर गंभीर चिंता प्रकट की गयी। प्रस्ताव में यह दृढ़ विचार व्यक्त किया गया कि भारत की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता।
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