जब माउस ने किया पहला क्लिक
जिस माउस को आज हम अपने कंप्यूटर से जुड़ा हुआ पाते हैं दरअसल इसके अविष्कार के दौरान यह ऐसा नहीं था। एंजिलबर्ट द्वारामाउस को 17 नवंबर 1
नई दिल्ली। क्या आप माउस के बिना कंप्यूटर की कल्पना कर सकते हैं? नहीं न। तो कभी आपने यह क्या आप माउस के बिना कंप्यूटर की कल्पना कर सकते हैं? नहीं न। तो कभी आपने यह जानने की कोशिश की है, आखिर यह माउस आया कहां से। चलिए हम आपको बता देते हैं। देखा जाए तो आज माउस का बर्थडे है। दरअसल, 17 नवंबर 1970 को एंजिलबर्ट नाम के शख्स ने माउस का पेटेंट हासिल किया था।जानने की कोशिश की है, आखिर यह माउस आया कहां से। चलिए हम आपको बता देते हैं। देखा जाए तो आज माउस का बर्थडे है।
जिस माउस को आज हम अपने कंप्यूटर से जुड़ा हुआ पाते हैं दरअसल इसके अविष्कार के दौरान यह ऐसा नहीं था। एंजिलबर्ट द्वारामाउस को 17 नवंबर 1970 को पेटेंट कराने से पहले माउस का रंग रूप कुछ अलग ही था। यह एक मिलिट्री प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया था। एंजिलबर्ट से पहले टॉम क्रांस्टन, फ्रेड लॉन्गस्टाफ, केनयन टेलर ने इसको केनेडियन नेवी डाटार प्रोजेक्ट के तहत 1952 में एक माउस तैयार किया था।
इसके बाद इसमें परिवर्तन आते रहे। पहले जहां माउस एक चकोर लकड़ी के डिब्बे का ढांचा हुआ करता था वहीं इसको बाद में एक दूसरी ही शक्ल में देखा और जाना गया। एंजिलबर्ट ने 1963 में स्टेंडर्ड रिसर्च इंटरनेशनल में माउस का प्रोटोटाइप ईजाद किया। इसमें उनका साथ उनके साथ बिल ने दिया था। इसमें दो व्हील लगे थे और एक छोटे बटन के को क्लीक कर ओके किया जाता था। इसके अलावा इसमें दो बटन भी थे। लेकिन इसमें एक समस्या थी वह यह थी कि यह माउस दो अलग पाटर््स में था। एक हाथ में पांच बटनों का एक छोटा किपैड भी इसके साथ हुआ करता था।
1968 में उन्होंने इसका एक डेमो पेश किया जो कि जर्मन कंपनी टेलिफंकिन को बेहद पसंद आया। इसके बाद इस माउस को इस कंपनी ने अपने बनाए कंप्यूटर के साथ बाजार में भी उतारा। पेटेंट कराने के बाद भी एंजिलबर्ट ने इसको लेकर कोई रॉयल्टी नहीं ली, जबकि पर्सनल कंप्यूटर के साथ इसका इस्तेमाल कई जगहों पर शुरू हो चुका था।
इसके बाद लगातार यूजर्स को ध्यान में रखते हुए माउस में बदलाव आते रहे। 1982 में माइक्रोसॉफ्ट ने पहला पीसी कंपेटीबल माउस बाजार में उतारा। तब से लेकर आज तक माउस में भले ही कई बड़े परिवर्तन जैसे ऑप्टीकल माउस, वासरलैस माउस वगैरह हुए हों लेकिन इसका आधारभूत स्वरूप वही रहा जो एंजिलबर्ट ने तैयार किया था। उसके डिजाइन को ही आधार मानते हुए आज का माउस तैयार हुआ। आज भले ही लोग लैपटॉप पर काम करना ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन एक एकस्ट्रा माउस उन्हें ज्यादा सहुलियत प्रदान करता है। यही वजह है कि तकनीक के साथ इसका अस्तित्व आज भी बरकरार है।
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