दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा अमृतसर, प्रोजेक्ट का रास्ता साफ, चार घंटे का होगा सफर
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दिल्ली स्थित निवास पर एक उच्च स्तरीय रिव्यू बैठक में अमृतसर को दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया...
नई दिल्ली, जेएनएन। अब अमृतसर एवं तरनतारन भी दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे का हिस्सा होंगे। मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दिल्ली स्थित निवास पर एक उच्च स्तरीय रिव्यू बैठक में गडकरी ने कहा कि अमृतसर हमेशा दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे का अभिन्न अंग था। इसके पहले चरण में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसे भारतमाला योजना के तहत बनाया जा रहा है। इससे अमृतसर से दिल्ली तक की यात्रा का समय आठ घंटे से कम होकर चार घंटे रह जाएगा।
पहले चरण में जुड़ेंगे ये शहर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में गडकरी ने कहा कि पहले चरण में यह एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत खनौरी से पंजाब में प्रवेश करते हुए पातड़ां, भवानीगढ़, लुधियाना, नकोदर, जालंधर, करतारपुर, कादियां और गुरदासपुर को जोड़ेगा। करतारपुर से अमृतसर बाईपास के बीच 6-लेन मार्ग को ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा।
बैठक में ये दिग्गज हुए शामिल
बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री जितेंदर सिंह, मंत्री वीपी सिंह और राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी, सांसद गुरजीत सिंह औजला, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ शामिल हुए।
अधिग्रहण के लिए होगी बैठक
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करने के लिए एनएचएआइ व पंजाब सरकार के अधिकारियों के बीच जल्द ही बैठक होगी। नया ग्रीनफील्ड संपर्क मार्ग अमृतसर एक्सप्रेस हाईवे के साथ सीधा जुड़ेगा जो जालंधर-नकोदर राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित गांव कंग साबू से शुरू होकर सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, तरनतारन व अमृतसर को जोड़ेगा। राजासांसी एयरपोर्ट के पास अमृतसर-डेरा बाबा नानक सड़क में मिल जाएगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने बताया कि केंद्र ने पंजाब सरकार को भूमि अधिग्रहण का काम जल्द करवाने को कहा है।
क्या होंगे फायदे
- अमृतसर से दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक यात्रा का समय आठ घंटे से कम होकर चार घंटे रह जाएगा।
- अमृतसर रूट पर श्री हरिमंदिर साहिब, श्री दुग्र्याणा तीर्थ, भगवान वाल्मीकि तीर्थ, ऐतिहासिक जलियांवाला बाग, सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, दरबार साहिब तरनतारन व अटारी-वाघा बॉर्डर जाने वाले पर्यटकों को फायदा होगा।
- भविष्य में आपात हालात में यह सेना के लिए वैकल्पिक रूट होगा। यह लिंक पंजाब दिल्ली और जम्मू को जोड़ेगा। इससे मां वैष्णोदेवी की यात्रा आसान हो जाएगी।
- लगभग 100 किलोमीटर का यह मार्ग पांच सिख गुरु साहिबान की ओर से स्थापित पांच धार्मिक कस्बों सुल्तानपुर लोधी (श्री गुरु नानक देव जी), गोइंदवाल साहिब (श्री गुरु अमरदास जी), खडूर साहिब (श्री गुरु अंगद देव जी), तरनतारन (श्री गुरु अर्जुन देव जी) और अमृतसर (श्री गुरु राम दास जी) को आपस में जोड़ेगा।
- अमृतसर से गुरदासपुर जाने वाली सड़क को भी पूरी तरह से विकसित किया जाएगा। यह मार्ग पूरी तरह सिग्नल फ्री होगा।