अमृतसर रेल हादसाः पहले किया था इनकार, अब हुआ रेलवे जांच को तैयार
मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त इस हादसे की जांच करेंगे। दशहरा के दिन रेल लाइन के किनारे पुतला दहन के दौरान ट्रेन से कटकर 60 लोगों की मौत हो गई थी।
नई दिल्ली [प्रेट्र/आइएएनएस]। पहले इन्कार करने के बाद रेलवे अब अमृतसर रेल हादसे की जांच के लिए तैयार हो गया है। मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) इस हादसे की जांच करेंगे। दशहरा के दिन रेल लाइन के किनारे पुतला दहन के दौरान ट्रेन से कटकर 60 लोगों की मौत हो गई थी।
आपको बता दें कि हादसे के तुरंत बाद दैनिक जागरण ने रेलवे की खामियों को परत दर परत उजागर की थी। यह बताया था कि अगर रेलवे ने सावधानी बरती होती तो हादसे को टाला जा सकता था।
19 अक्टूबर को हादसे के एक दिन बाद हादसे की जांच से इन्कार करते हुए रेलवे ने इसे 'अतिक्रमण' का मामला करार दिया था। शुक्रवार को जारी बयान में रेलवे ने कहा कि चूंकि सीसीआरएस उन मामलों की भी जांच कर सकते हैं, जिनकी नियमों और कानून के मुताबिक जांच की आवश्यकता नहीं होती, इस मामले में भी ठीक वैसा ही होगा।
बयान में यह भी कहा गया है कि इस हादसे को लेकर सार्वजनिक तौर पर बहुत होहल्ला मचाया जा रहा है, खासकर रेल पटरी पर जाने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है। बयान में जानकारी दी गई है कि अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और व्यक्तिगत तौर पर उन्हें 23 अक्टूबर का अपना एक पत्र सौंपा और घटना की रेलवे सुरक्षा आयुक्त से जांच कराने का अनुरोध किया। रेल मंत्रालय ने उनके अनुरोध, अन्य तथ्यों, घटनाओं और कानूनी प्रावधानों पर विचार किया।
रेलवे के अनुसार, मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त, लखनऊ ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश भी दे दिया है। साथ ही साथ रेलवे ने यह भी कहा है कि प्राथमिक तौर पर हादसे के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं लग रहा है।
आपको बता दें कि अमृतसर के जोड़ा फाटक पर 19 अक्टूबर को रेलवे ट्रैक के पास रावण का पुतला दहन देखने के दौरान जालंधर से आ रही ट्रेन से कटकर 60 लोगों की मौत हो गई थी। रेलवे ने तब कहा था कि उसे आयोजन के बारे में पहले से नहीं बताया गया था। उसने दर्शकों के रेलवे ट्रेक पर जाने को भी अतिक्रमण करार दिया था। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने भी यही बात दोहराई थी।