नई दिल्ली, पीटीआई। इन दिनों खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने पंजाब में मेगा ऑपरेशन चला रही है। अमृतपाल सिंह के संगठन 'वारिस पंजाब दे' के कई समर्थकों को गिरफ्तार करके असम के डिब्रूगढ़ के जेल में भेज दिया गया है।

दुबई की सड़कों पर ट्रक चलाने से लेकर पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए पाकिस्तान की आईएसआई की मदद करने के प्रयास तक, अमृतपाल सिंह ने खुद को एक उग्र खालिस्तान समर्थक के रूप में बदल लिया है।

2022 में बना 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख

2022 में दुबई से लौटने के बाद अमृतपाल हर कदम पर महत्वाकांक्षी होता गया और उसने अभिनेता दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन 'वारिस पंजाब दे' के मामलों में अपने विचार देना शुरू कर दिया। आपको बता दें, अभिनेता की पिछले साल फरवरी में एक कार एक्सीडेंट के दौरान मौत हो गयी है।

खुद को बताया भिंडरावाले का अनुयायी

अमृतपाल सिंह ने खुले तौर पर पंजाब को भारत से अलग करने की मांग की है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को धमकी देने की वजह से कट्टरपंथी सिख उपदेशक को भिंडरावाले 2.0 कहे जाने पर कोई पछतावा नहीं है। यहां तक की शुरू से अबतक उसने खुद को भिंडरावाले का अनुयायी ही बताया है।

हमेशा दिए भड़काऊ भाषण

फरवरी 2022 में उसने पंजाब पुलिस को अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार अपने एक करीबी सहयोगी को रिहा करने के लिए मजबूर कर दिया था। अमृतपाल ने संविधान के साथ-साथ गृह मंत्री सहित कई पदाधिकारियों को खुले तौर पर चुनौती दी है। इस साल के गणतंत्र दिवस पर तरनतारन में उसकी रैली हो या उसके मीडिया साक्षात्कार, अमृतपाल ने खुले तौर पर अलगाववाद और खालिस्तान के गठन का समर्थन किया है।

सरकार के खिलाफ सिख युवाओं को उकसाया

अधिकारियों ने कहा कि उसने सिख युवकों को लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के लिए उकसाया। मोगा जिले के एक कार्यक्रम में अमृतपाल ने कहा था कि गैर सिखों द्वारा चलाई जा रही सरकारों को पंजाब के लोगों पर शासन करने का कोई अधिकार नहीं है और पंजाब के लोगों पर केवल सिखों का शासन होना चाहिए।

भिंडरावाले की तरह रहता है अमृतपाल

1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए एक पंथ नेता, आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के बाद अमृतपाल ने अपने पहनावे और तौर-तरीकों को उनके जैसा कर लिया है। भिंडरावाले की तरह, अमृतपाल भी एक तीर लेकर चलता है और अपने साथ सशस्त्र अंगरक्षकों की एक टोली रखता है। भिंडरावाले की तरह ही वो भी नीले रंग का पोशाक और पगड़ी पहनता है।

Edited By: Shalini Kumari