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मप्र के सिवनी की अमृता पहुंची केबीसी, अब तक जीते दस हजार रुपये

महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने की खुशी के साथ मन में घबराहट भी थी। अमृता मां शांति त्रिवेदी के साथ केबीसी में हिस्सा लेने नागपुर से मुंबई पहुंची थीं। अमृता के पिता वीरेंद्र कुमार त्रिवेदी का देहांत 23 साल पहले हो चुका है।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 02:46 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 02:46 PM (IST)
मप्र के सिवनी की अमृता पहुंची केबीसी, अब तक जीते दस हजार रुपये
पांच जनवरी को होगा अगले एपिसोड का प्रसारण

जबलपुर/सिवनी, जेएनएन। मध्य प्रदेश के सिवनी शहर की अमृता त्रिवेदी (27) कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) की हॉट सीट तक पहुंची हैं। बाल सुधारालय कॉलोनी की अमृता निजी कॉलेज से डीएलएड की पढ़ाई कर रही हैं। 4 जनवरी की रात प्रसारित केबीसी में वह 10 हजार जीत चुकी हैं। 5 जनवरी को आगे के खेल का प्रसारण होगा। अमृता ने बताया कि कई बार कोशिश के बाद केबीसी में पहुंचने की तमन्ना पूरी हुई है। पिछले साल मुंबई में केबीसी के सेट पर पहुंचकर उन्होंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।

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महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने की खुशी के साथ मन में घबराहट भी थी। अमृता मां शांति त्रिवेदी के साथ केबीसी में हिस्सा लेने नागपुर से मुंबई पहुंची थीं। अमृता के पिता वीरेंद्र कुमार त्रिवेदी का देहांत 23 साल पहले हो चुका है। तीनों बहनों की परवरिश मां शांति ने ही की है। अमृता एम.कॉम. कर चुकी हैं। केबीसी में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने मामी अर्चना मिश्रा के साथ 2013 में भी भोपाल में ऑडिशन दिया था, किंतु तब सफलता नहीं मिली थी। सात साल बाद दोबारा मौका मिला और वे केबीसी में पहुंच गई। अमृता भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही हैं।

इससे पहले पिछले साल, कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के कर्मवीर एपिसोड में भोपाल के सरकारी स्कूल की प्राचार्य डॉ. ऊषा खरे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर उनके सवालों का जवाब देती नजर आईं थीं। इस शो में उन्होंने अपने भागीदार के साथ कुल 50 लाख रुपए की रकम जीती थी। उन्हें और उनके भागीदार रणजीत सिंह डिसले को 25-25 लाख रुपए मिले थे। डॉ. ऊषा ने बताया था कि यह राशि वो उन छात्राओं के लिए बस खरीदने को देना चाहती हैं, जो साधनों की कमी के कारण स्कूल नहीं पहुंच पातीं। बता दें कि कर्मवीर एपिसोड में विशेष क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाता है। राजधानी के शासकीय कन्या उमावि, जहांगीराबाद की प्राचार्य डॉ. ऊषा खरे का चयन शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए हुआ था। उन्होंने बताया था कि वो 23 नवंबर को मुंबई पहुंची थीं। 24 नवंबर को केबीसी की टीम से मीटिंग हुई और 25 नवंबर को सुबह वो सेट पर गईं।


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