Amravati Killing: एक और व्यक्ति की तलाश; पुलिस जानती थी उमेश कोल्हे की हत्या का कारण, क्यों नहीं किया उजागर बताई वजह
Umesh Kolhe murder case महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) ने अमरावती हत्याकांड (Amravati Killing) को दबाने के आरोप पर जवाब दिया है। अमरावती पुलिस आयुक्त (Amravati Police Commissioner Arti Singh) आरती सिंह ने कहा कि यह एक अंधा और संवेदनशील मामला था।
अमरावती, पीटीआइ। अमरावती की पुलिस आयुक्त (सीपी) आरती सिंह ने सोमवार को कहा कि पुलिस ने जांच के दौरान कैमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे की हत्या और नुपुर शर्मा के समर्थन वाली इंटरनेट मीडिया पोस्ट के बीच संबंध का पता लगा लिया था। पुलिस ने मामले को नहीं दबाया, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है। बेहद संवेदनशील मामला होने और किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने पहले इस जानकारी को उजागर नहीं किया था।
एक संवाददाता सम्मेलन में आरती सिंह ने कहा कि 21 जून को हुई इस हत्या के मास्टरमाइंड समेत सात आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है एवं शमीम नामक एक और व्यक्ति की तलाश जारी है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि वाट्सएप ग्रुप में नुपुर शर्मा का समर्थन करने पर अमरावती के तीन और निवासियों को धमकी दी गई थी और कुछ लोगों ने उन्हें माफी मांगने पर मजबूर किया था।
इन तीन लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है और जांच जारी है। आरती सिंह ने बताया कि कुछ वीडियो वायरल हुए हैं। पुलिस स्वत: संज्ञान लेकर जांच कर रही है। पुलिस इन वीडियो और वाट्सएप स्क्रीन शाट्स की भी जांच कर रही है। पुलिस आयुक्त ने अमरावती की सांसद नवनीत राणा द्वारा लगाए उन आरोपों को खारिज कर दिया कि पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की थी और इसे लूट दिखाने का प्रयास किया था।
आरती सिंह ने कहा, 'शुरुआत में हमने अलग दृष्टिकोणों पर काम किया था और हत्या को नुपुर शर्मा के समर्थन से जोड़ने के लिए हमारे पास कोई मजबूत साक्ष्य नहीं था क्योंकि कोल्हे के परिवार के सदस्यों ने हमें यह नहीं बताया था कि उन्हें फोन या वाट्सएप और फेसबुक पर धमकियां मिली थीं। तब यह केस हमारे लिए अंधेरे में तीर चलाने जैसा था।' अब तक की जांच के बारे में उन्होंने बताया कि आरोपितों के पास से अपराध में प्रयुक्त दो मोटरसाइकलें और तीन चाकुओं को बरामद कर लिया गया है।
आरती सिंह ने यह भी बताया कि अपराध के मास्टर माइंड इरफान खान ने अन्य पांच आरोपितों को 10 हजार रुपये और एक मोटरसाइकिल दी थी। अदालत ने रविवार को इरफान खान को सात जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था। पुलिस आयुक्त ने बताया कि एक अन्य आरोपित यूसुफ खान के कोल्हे के साथ नजदीकी रिश्ते थे और पुलिस ने घटना के बाद उसे पूछताछ के लिए बुलाया था।
पुलिस पहले ही दिन से यूसुफ खान से पूछताछ कर रही है क्योंकि उसके और कोल्हे के बीच वित्तीय लेन-देन था। हत्या में शमीम की भूमिका के बारे में उन्होंने बताया कि वह एक अन्य आरोपित के साथ मोटरसाइकिल पर बैठा था। जानकारी के मुताबिक उसकी अपराध में कोई बड़ी भूमिका नहीं है। वह फरार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस ने कभी भी चोरी का कोई मामला दर्ज नहीं किया था।
दरअसल, अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने दवा व्यवसायी उमेश कोल्हे की नृशंस हत्या के मामले को दबाने के लिए पुलिस आयुक्त आरती सिंह पर सवाल उठाते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग की। नवनीत राणा ने कहा, हत्याकांड के 12 दिनों के बाद अमरावती की पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामला उदयपुर हत्याकांड जैसे नुपुर शर्मा का समर्थन करने से जुड़ा है। उन्होंने रविवार को कहा था कि 12 दिनों के बाद पुलिस आयुक्त घटना पर स्पष्टीकरण दे रही हैं।
नवनीत राणा ने कहा था कि पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने पहले कहा था कि लूटपाट के लिए हत्याकांड को अंजाम दिया गया। पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की इसलिए अमरावती की पुलिस आयुक्त के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए।
वहीं भाजपा के राज्यसभा सदस्य अनिल बोंडे ने शनिवार को कहा कि 21 जून को अमरावती में दवा व्यवसायी उमेश कोल्हे की निर्मम हत्या के मामले को तत्कालीन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार और पुलिस ने दबाया था। इस हत्याकांड को षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया। उमेश कोल्हे की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने नुपुर शर्मा के समर्थन में कुछ पोस्ट किया था। पुलिस ने कुछ कहानियां गढ़ीं। आरोपितों ने अपराध को स्वीकारा इसके बावजूद मामले को दबा दिया गया।